आंध्र प्रदेश सरकार और पुलिस को उच्चतम न्यायालय ने फटकार लगाई !
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वाय.एस.आर. कांग्रेस सरकार ने उसका ईसाई प्रेम उजागर करने वाले स्वयं की पार्टी के सांसद को अधिकारों का दुरुपयोग कर हिरासत में लिया । यह सरकार की मुगल नीति होकर लोकतंत्र का अपमान ही है । इसके लिए न्यायालय को संबंधित लोगों को सजा देनी चाहिए !
नई दिल्ली – सरकार पर टिप्पणी करना देश द्रोह नहीं । सरकार पर टिप्पणी देश द्रोह की व्याख्या में नहीं ले सकते हैं । देश द्रोह की व्याख्या निश्चित करने का समय आ गया है, ऐसे शब्दों में उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है । आंध्र प्रदेश के ‘टी वी ५’ और ‘ए बी. एन आंध्राज्योति’ इन स्थानीय तेलगु न्यूज चैनलों पर देश द्रोह की धारा के अंतर्गत गुनाह प्रविष्ट किया गया है । यह गुनाह रद्द करें, इस मांग के लिये न्यूज चैनलों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रविेष्ट की थी । उसपर न्यायालय ने उपरोक्त शब्दों में फटकार लगाई है, साथ ही दोनों न्यूज चैनलों पर किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही न करने का आदेश आंध्र सरकार और पुलिस को दिया है । इन दोनों न्यूज चैनलों ने वाय एस आर कांग्रेस के हिंदुत्वनिष्ठ सांसद रघुराम कृष्णम् राजू का कथित आक्षेपार्ह भाषण प्रसारित किया था । इस मामले में राजू को हिरासत में लिया गया था । बाद में उन्हें जमानत पर छोड दिया ।
The Supreme Court observed that it was time to define sedition in terms of freedom of the press | @AneeshaMathur #SupremeCourt #Andhrapradesh #FreedomOfPress https://t.co/y52gkzZeoG
— IndiaToday (@IndiaToday) May 31, 2021
न्यायालय ने कहा कि, प्रसार माध्यम और भाषण की स्वतंत्रता इन सूत्रों पर अब भारतीय दंड विधान की धारा १२४ अ और १५३ इन नियमों की व्याख्या निश्चित करने की आवश्यकता है, ऐसा हमें लगता है । यदि न्यूज चैनल कुछ कहते होंगे, तो उसे देश द्रोह नहीं मान सकते । देश द्रोह की धारा की व्याख्या निश्चित करने का योग्य समय आ गया है । सरकार पर हो रही टिप्पणी को देश द्रोह नहीं माना जा सकता ।