हिन्दुओं में धर्मशिक्षा के अभाव का दुष्परिणाम !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘धर्मशिक्षा के कारण धर्म के लिए त्याग करने हेतु लाखों मुसलमान तैयार रहते हैं । इसके विपरीत हिन्दुओं में धर्म शिक्षा का अभाव होने के कारण, वे बुद्धिप्रमाणवादी बनकर धर्म को झूठा मानने लगते हैं ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले