कोरोना नियमों का पालन न करने से भारत में स्थिति बिगडी ! –
भारतीयों को अभीतक के सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं द्वारा अनुशासन ना सिखाने और ना लगाने के कारण देश में यह स्थिति निर्माण हुई है !
जिनेवा (स्विटजरलैंड) – भारत में आई कोरोना की सुनामी के लिए केवल कोरोना का ‘म्युटेशन’ उत्तरदायी है, ऐसा नहीं । पहली वेव निकलते ही चुनावों की पृष्ठभूमि पर बडे पैमाने पर चुनावी सभा, अत्यधिक भीड के कार्यक्रम, कोरोना के अनेक वेरिएंट और धीमीगति से होने वाले वैक्सीनेशन के कारण भारत की कोरोना की स्थिति हाथ से निकल गई । कोरोना नियमों का पालन न करने के कारण यह परिस्थिति निर्माण हुई है । दूसरी वेव के कारण भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पूर्णतः चरमराने के मार्ग पर है, ऐसे शब्दों मे विश्व स्वास्थ्य संघठन ने भारत पर टिप्पणी की है ।
१. संघठन के प्रवक्ता तारिक जसारेविव ने कहा कि, कोरोना मरीजों में से केवल १५ प्रतिशत लोगों को अस्पताल में उपचार की आवश्यकता लगती है, उसमें भी अत्यंत कम मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है ; लेकिन योग्य जानकारी न मिलने के कारण भारत में लोग उनके रिश्तेदारों को अस्पताल में भरती करने की जल्दी करते हैं । ८५ प्रतिशत मरोजों पर घर पर ही उपचार किया जा सकता है । लोगों को घरेलू उपचार के विषय में जानकारी देने की आवश्यकता है ।
२. संघठन के अध्यक्ष घेब्रयासिस ने कहा कि, भारत को ४ सहस्र ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर की (किसी भी गैस में से ऑक्सीजन अलग कर उसका स्टॉक करने वाल उपकरण) पूर्ति करने के साथ २ सहस्र विशेषज्ञों का दल भी भारत में भेजा जाएगा ।
ङ भारत का बचाव करने में विश्व असफल ! – अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. अँथनी फाउची की टिप्पणी
कोरोना महामारी से भारत का बचाव करने में विश्व के सभी देश पूर्णत: असफल रहे हैं, ऐसे शब्दों में अमेरिकी राष्ट्रपति के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. अँथनी फाउची ने अप्रसन्नता वयक्त की ।
डॉ. अँथनी फाउची ने आगे कहा कि, गरजू देशों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करने में अमीर देश असफल रहे हैं । भारत की वर्तमान स्थिति विश्व की यही विषमता दिखाती है । वैश्विक महामारी की लडाई यह वैश्विक एकजुटता से ही लडी जा सकती है । कोवैक्स अभियान के अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य संघठन भारत को तत्परता से सहायता करने का प्रयास कर रहा है । अमीर देशों को यह दायित्व उठाना चाहिए ।