वर्तमानकाल में संतों की संगठित शक्ति ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित कर सकती है !- अनंतविभूषित श्री जगद़्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामराजेश्वराचार्यजी
हरिद्वार (उत्तराखंड) – ‘‘ॐ में जब तक बिंदु है, तब तक हिंदू रहेंगे । ‘सङ्घे शक्तिः कलौ युगे’ (कलियुग में संगठितता में ही सामर्थ्य रहता है) ऐसा कलियुग में कहा जाता है; परंतु आज आवश्यकता है, ‘संत शक्तिः कलौ युगे’ इस उद़्घोष की ! धर्म को आई ग्लानि के वर्तमान समय में संतों की संगठित शक्ति हिन्दू राष्ट्र की निर्मिति कर सकती है’’, ऐसा वक्तव्य अनंतविभूषित श्री जगद़्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामराजेश्वराचार्यजी (माऊली सरकार) ने यहां किया । साथही उन्होंने बताया की सरकार मंदिर तथा मठों का अधिग्रहण कर रही है; परंतु यह करते समय अनेक मंदिर एवं मठों के व्यवस्थापन में त्रुटियां हैं । इसलिए सरकार को मंदिर तथा मठ संतों एवं भक्तों को सौंपना चाहिए ! सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वावधान मेें हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष्य में कनखल के श्री रुक्मिणी विदर्भ पीठ में आयोजित कार्यक्रम में वे मार्गदर्शन कर रहे थे । इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, अनेक संत, महंत तथा श्रद्धालु उपस्थित थे । इस अवसर पर ‘दैनिक भास्कर’ के संपादक श्री. मदन सोहनीवाल, सैन भक्ति पीठ के उपाध्यक्ष सेठ श्री. घासीराम वर्मा, श्री. शंकरसिंह राजपुरोहित, श्री. राम नरेश, श्री. श्याम बाबू आदि मान्यवर उपस्थित थे । सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति की ओर सेे ३ स्थानों पर ब्रह्मध्वज पूजन किया गया !