कर्नाटक के प्रसिद्ध गोकर्ण मंदिर का प्रबंधन अब एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में प्रशासनिक समिति के पास !
सुप्रीम कोर्ट का आदेश !
नई दिल्ली : कर्नाटक में प्रसिद्ध गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर का प्रशासन अब सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण कीअध्यक्षता में एक समिति के पास होगा । सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक अंतरिम आदेश जारी किया है । न्यायालय इस मामले पर बाद में विस्तृत सुनवाई करेगा । इसमें कर्नाटक में हिंदू मंदिरों की व्यवस्था और रामचंद्रपुरा मठ को गोकर्ण मंदिर सौंपने के आदेश से संबंधित वर्ष १९९७ के कानून पर निर्णय लिया जाएगा । न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि इस समिति में उत्तर कन्नड जिले के प्रशासनिक अधिकारी और धार्मिक विद्वान भी सम्मिलित होंगे ।
A Bench comprising Chief Justice S.A. Bobde and Justices A.S. Bopanna and V. Ramasubramanian delivered its verdict on a batch of pleas including the one filed by the Ramchndrapura Math. https://t.co/vfQf3dgCHX
— The Hindu (@the_hindu) April 19, 2021
१. वर्ष २००८ में तत्कालीन भाजपा सरकार ने मंदिर को मठ से सटा होने के कारण रामचंद्रपुरा मठ का हिस्सा घोषित किया और मंदिर का प्रबंधन मठ को सौंप दिया । इससे पहले मंदिर एक सरकारी समिति द्वारा चलाया जाता था । वर्ष २०१८ में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि मंदिर, मठ को नहीं सौंपा जाना चाहिए । सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी ।
२. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रामचंद्रपुरा मठ से मंदिर का प्रबंधन हटा दिया था और उत्तर कन्नड जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी । सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण को समिति का सलाहकार नियुक्त किया गया था । इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद स्थगित कर दिया गया था ।