(कहते हैं) रोगियों को बताइए, ‘घर जाओ, अन्यथा मर जाओगे तो हमारा कोई दायित्व नहीं है !’

नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) के जिला चिकित्सालय में जो रोगी ठीक होने के उपरांत भी घर वापस नहीं जाते, उनके विषय में लोक कल्याण मंत्री गोपाल भार्गव का चिकित्सकों को परामर्श !

भाजपा सरकार के मंत्रियों से ऐसा वक्तव्य दिए जाने की देशभक्तों को अपेक्षा नहीं थी ! यदि रोगी घर जाने के लिए सिद्ध नहीं हैं, तो मंत्री का दायित्व है कि वे उनकी कठिनाई समझ लें तथा उन्हें आधार दें । इस प्रकार का वक्तव्य दिया जाना लोकतंत्र के विरुद्ध है, यह ध्यान में लेते हुए मुख्यमंत्री को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए !

नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) – लोक कल्याण मंत्री गोपाल भार्गव समीक्षा के लिए यहां जिला चिकित्सालय गए थे । तब चिकित्सकों ने उन्हें कोरोना के रोगियों से संबंधित समस्याओं के विषय में बताया । उन्होंने कहा, ‘कोरोना से ठीक होने के उपरांत भी अनेक रोगी घर नहीं जाना चाहते हैं । अधिक रोगी होने के कारण वह प्राणवायु की आपूर्ति को भी प्रभावित करता है ।’ तब गोपाल भार्गव ने चिकित्सकों को रोगियों को बताने के लिए कहा, ‘रोगियों को बताएं कि, घर जाइए अन्यथा यदि आप मर जाएंगे, तो हमारा कोई दायित्व नहीं है ।’ उसी के साथ उन्होंने डॉक्टरों से कहा, ‘रोगियों की सेवा बंद करो ।’ इससे संबंधित वीडियो ही सामाजिक माध्यमों में प्रसारित हुआ है ।

इस समस्या पर संबंधित चिकित्सकों ने कहा कि, ‘सभी जनपदों से रोगी यहां हैं । किसी को रोक नहीं सकते ; क्योंकि यह एक सरकारी चिकित्सालय है । कोरोना से ठीक होने के उपरांत भी रोगी घर नहीं जाते । यहां तक कि जिनकी प्राणवायु का सतह ९६-९८ है, वे भी यहां रहते हैं । २० रोगियों को छुट्टी दे दी गई थी । उनमें से मात्र १ घर गया है । यदि ठीक हुए रोगी भी चिकित्सालय में रहते हैं, तो गंभीर रोगियों को कहां रखें ? घर में प्राणवायु की सतह न्यून होगी, इस भय के कारण रोगी घर जाने के लिए सिद्ध नहीं होते ।’