देश में रास्तों को मुगलों और अंग्रेजों द्वारा दिए नाम बदलने चाहिए !
अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मांग
ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? स्वतंत्रता के ७४ वर्षों में सभी पार्टियों की सरकारों ने यह क्यों नहीं किया ?
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने देश में रास्तों को मुगलों और अंग्रेजों द्वारा दिए नाम बदलने की मांग की है । इन नामों के स्थान पर जिन्होंने देश के लिए प्राणों का बलिदान दिया, ऐसे महापुरूषों के नाम देने चाहिए, ऐसा उन्होंने कहा है ।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि, स्वतंत्रता के ७४ वर्षों बाद भी देश के अनेक रास्तों के नाम मुगलों और अंग्रेजों के नाम पर हैं । आक्रमणकारियों के नाम देखकर साधु-संत ही नहीं, तो देश के युवकों को भी कष्ट होता है । स्वतंत्रता पूर्व और बाद में देशद्रोह करने वालों के नाम हटाकर शहीद चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि देशभक्तों के नाम रखने चाहिए ।
(कहते हैं) ‘सरकार ने ऐसी बातों की अपेक्षा विकास की ओर ध्यान देना चाहिए ! – समाजवादी पार्टी
मुगलों के वंशज होने समान बर्ताव करने वाली समाजवादी पार्टी से इससे अलग अपेक्षा क्या करेंगे ? समाजवादी पार्टी ने ‘उत्तर प्रदेश में उनकी सत्ता के समय कितना विकास किया’, यह प्रथम बताएं ! जिन्हें राष्ट्र और धर्म की अस्मिता का भान नहीं, वे हमेशा गुलामी में ही जीते हैं, यह समाजवादी पार्टी ने इससे दिखा दिया है !
सरकार ने ऐसी बातों की अपेक्षा विकास की ओर ध्यान देना चाहिए, ऐसी प्रतिक्रिया समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता विवेक सायलस ने महंत नरेंद्र गिरि की मांग पर दी ।
(कहते हैं) ‘धर्मगुरूओं ने ऐसी मांग नही करनी चाहिए !’ – कांग्रेस
संविधान ने सभी को विचारों की स्वतंत्रता दी है । इस कारण कोई भी व्यक्ति राष्ट्र के संबंध में मांग कर सकता है । कांग्रेसवालों को पहले संविधान का अभ्यास करना चाहिए और फिर मुंह खोलना चाहिए !
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि, देश धर्मगुरूओं के बताएनुसार नहीं, तो संविधान के अनुसार चलेगा । फिर वे हिंदु, मुसलमान अथवा अन्य किसी भी धर्म के धर्मगुरू हों । कोई भी धर्मगुरू इस प्रकार के विधान अथवा मांग ना करें ।