यदि तृणमूल जीत जाती है, तो हम मौलाना और इमाम का मानदेय बढा देंगे !
मस्जिद से तृणमूल कांग्रेस के मंत्री फिरहाद हाकिम का आश्वासन !
- चुनाव आचार संहिता के अनुसार मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों और अन्य धार्मिक स्थलों का प्रचार हेतु उपयोग नहीं किया जा सकता । तृणमूल कांग्रेस के मंत्री सीधे मस्जिद से आश्वासन देते हैं ? चुनाव आयोग को उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है !
- शिवसेना प्रमुख बाळासाहेब ठाकरे को हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगने के लिए ६ वर्ष के लिए मतदान से प्रतिबंधित कर दिया गया था; किंतु ध्यान दें कि कट्टरपंथियों के विरोध में ऐसी कार्रवाई कभी नहीं की जाती !
कोलकाता (बंगाल) – यदि ममता बनर्जी की सरकार फिर से सत्ता में आती है, तो इमामों और मौलवियों का मानदेय बढाया जाएगा, यह आश्वासन तृणमूल कांग्रेस के मंत्री फिरहाद हाकिम ने एक मस्जिद में चुनाव प्रचार के दौरान दिया । इस पर एक समाचार वाहिनी के पत्रकार ने पूछा, ‘आचार संहिता लागू होने पर आप ऐसा आश्वासन कैसे दे सकते हैं ?’ उस समय, हाकिम ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ‘मैंने कोई आश्वासन नहीं दिया है ।’
हाकिम के बयान के बाद बीजेपी ने कहा है कि ‘वह चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेगी ।’ (२.३.२०२१)