अमरनाथ यात्रा के दौरान निःशुल्क लंगर चलाने वाले हिन्दुओं के लिए प्रशासन के कठोर नियम !
|
यह अत्यंत खेदजनक है कि जो लोग हिन्दुओं के विरुद्ध दुष्कर्म करनेवालों के विरुद्ध सख्त कानून नहीं बनाते, वे हिन्दुओं की धार्मिक यात्रा के लिए कठोर नियम बनाते हैं ! प्रश्न उठता है, कि हिन्दुओं के धार्मिक तीर्थस्थल में अन्य धर्मियों के होटल क्यों हैं ?’
जम्मू – अमरनाथ यात्रा में हिन्दू संगठनों, संस्थानों और साधुओं द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए निःशुल्क लंगर (भोजन) की व्यवस्था की जाती है । कुछ लंगरों में आवास और दवा भी निःशुल्क प्रदान की जाती है । अब प्रशासन ने इस यात्रा में लंगर लगानेवालों के लिए कई शर्तें लगा दी हैं । उन्हें पूरा करने वालों को ही लंगर की अनुमति दी जाएगी । श्री अमरनाथ लंगर संगठन (साबलो ) ने प्रशासन के फैसले के विरोध में वकील अंकुर शर्मा के माध्यम से जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है । प्रशासन की ये शर्तें सनातन धर्म के दान देने के मूल सिद्धांत के अनुरूप नहीं हैं । संविधान के अनुच्छेद २५ के अनुसार सभी को अपने धर्मानुकूल कार्य करने की स्वतंत्रता है । बनाये गए नियम इसका उल्लंघन करते हैं । इसलिए उन्हें अयोग्य ठहराया जाना चाहिए, ऐसा याचिका में कहा गया है ।
They are not satisfied just with selective take over of Hindu Religious Institutions.
Idea is to purge Hindu Associations.
Idea is to somehow restrict Hindus from performing their Religious Duties of Charity etc. pic.twitter.com/IRTJ2mDnYL
— Ankur Sharma (@AnkurSharma_Adv) March 6, 2021
१. नए नियमों के अनुसार, लंगर लगानेवाले पूरी यात्रा में एक ही लंगर का संचालन कर सकते हैं । इसमें उन्हें यह जानकारी देनी होगी कि लंगर में क्या खाना दिया जाएगा । उनको पुलिस से भी प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा । उन्हें श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को इस संबंध में एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा ।
२. आवेदन करते समय वर्ष २०१८, २०१९ और २०२० के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा सत्यापित बैलेंस शीट प्रस्तुत करनी होगी । १०,००० रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा । लंगर सेवा में भाग लेने वाले कर्मचारियों का आपराधिक इतिहास नहीं होना चाहिए । आवेदकों पर बोर्ड का उधार या दंड नहीं होना चाहिए । लंगर में सेवारत सभी लोगों की पुलिस द्वारा छानबीन की जायेगी, आदि नियम प्रशासन द्वारा बनाए गए हैं ।
३. लंगर चलानेवाले संगठनों के अनुसार, लंगर के लिए उपलब्ध अधिकांश सामग्री दान से प्राप्त की जाती है, इसलिए इसमें कोई वित्तीय लेन-देन नहीं है और न ही इसका कोई हिसाब है । इसलिए बैलेंस शीट का कोई प्रश्न ही नहीं उठता । लंगर में काम करने वाले लोग अलग-अलग जगहों से सेवा करने आते हैं, इसलिए सभी का पुलिस सत्यापन प्रमाणपत्र लाना कठिन है ।
मुसलमान होटल मालिकों के दबाव के कारण प्रशासन का फैसला !
हिन्दू संगठनों और संघों के लंगर के कारण, यात्रा मार्ग पर स्थित मुसलमान होटलों का कारोबार ठप्प है, किंतु अब प्रशासन के नियमों के कारण, हिन्दुओं का लंगर बंद हो जाएगा और इन मुसलमान होटल व्यवसायियों का लाभ होगा । प्रशासन पर उनके दबाव के कारण हिन्दू लंगर पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करने का भी आरोप श्री अमरनाथ लंगर संगठन (सबलो) ने लगाया है ।