सोशल मीडिया और ओटीटी के लिए केंद्र सरकार के नियमों की घोषणा !
शिकायत के २४ घंटे के भीतर जानकारी को हटाना होगा !
देशभक्तों और धर्म प्रेमियों ने सरकार से मांग की है कि, ‘ओवर द टॉप’ की नियमावली बनाई जाए । सरकार ने इस पर ध्यान दिया और नियम बना लिया है । वास्तव में ऐसा पहले की होना चाहिए था । सरकार के लिए यह आवश्यक है कि, ऐसे नियम बनाकर लागू करें कि सोशल मीडिया और ओटीटी के माध्यम से भारत और हिंदू धर्म के बारे कोई अप्रचार करने का साहस न कर सके !
नई दिल्ली : केंद्र ने हिंदू धर्म, देवताओं, राष्ट्रीय नायकों आदि का अपमान करने के संबंध में, सोशल मीडिया और ‘ओवर द टॉप’ (ओटीटी) के लिए नए नियमों की घोषणा की है । देशभक्तों और धार्मिक लोगों द्वारा इसकी तीव्र मांग की गई थी, आखिरकार सरकार ने ध्यान दिया ।
New social media and OTT rules: Government notifies Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules 2021 https://t.co/iep3iuSfma via @eOrganiser
— Organiser Weekly (@eOrganiser) February 25, 2021
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी । यह नियम सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और साथ ही नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लागू होंगे । ये नियम अगले ३ महीनों में लागू हो जाएंगे ।
Government notifies new rules for social media, digital news and OTT platforms. @PayaswiniLLB
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— BloombergQuint (@BloombergQuint) February 25, 2021
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “हमें शिकायतें मिलती हैं कि, परिवर्तित तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं । जो देश की नागरिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचातीं हैं ।” सोशल मीडिया का उपयोग आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा किया जाता है । झूठी खबरें भी बडे पैमाने पर फैलाई जाती हैं । वित्तीय घोटाले किए जाते हैं । संसद एवं सुप्रीम कोर्ट तक यह मुद्दा पहुंच गया है । यही कारण है कि हम सोशल मीडिया के लिए एक नई नीति ला रहे हैं ।
सोशल मीडिया के लिए नियम :
१. शिकायतों को हल करने के लिए सभी के पास एक तंत्र होना चाहिए । शिकायत निवारण मंच और अधिकारियों को नियुक्त करना होगा । शिकायत को २४ घंटे के भीतर दर्ज किया जाना चाहिए और १४ दिनों के भीतर उसका निपटारा किया जाना चाहिए ।
२. विशेषकर महिलाओं के उत्पीडन से संबंधित समाचार, उदाहरण के लिए, यदि आपत्तिजनक छायाचित्र प्रसारित किए जाते हैं, तो शिकायत दर्ज होने के २४ घंटे के भीतर उन्हें हटा दिया जाना चाहिए ।
३. शिकायतों की रिपोर्ट हर महीने जारी करनी होगी । यह बताना आवश्यक है कि महीने में कितनी शिकायतें आईं और उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई ।
४. सोशल मीडिया पर किसी भी दुर्घटना के मामले में, संबंधित प्रतिष्ठान को सूचित करना होगा कि, इसे किसने सबसे पहले सामाजिक माध्यम पर डाला था । यदि लेखन भारत के बाहर से आया है, तो पहली बार भारत में इसे किसने पोस्ट किया है ?
५. उपयोगकर्ता को जिस तरीके से सत्यापित किया गया है, उसकी जानकारी देनी होगी ।
६. यदि किसी उपयोगकर्ता का डेटा, ट्वीट या लेखन हटा दिया गया है, तो उसे सूचित कर, सुने जाने की आवश्यकता होगी ।
ओटीटी फोरम के लिए नियम :
१. ओटीटी और डिजिटल न्यूज मीडिया को अपने बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी । पंजीकरण अनिवार्य नहीं होगा ।
२. इन दोनों को शिकायत निवारण तंत्र शुरू करना होगा । यदि कोई गलती होती है, तो स्वयं को नियमित करना होगा ।
३. ओटीटी मंचों को स्वतः के लिए एक नियामक संस्था बनानी होगी । निकाय की अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या कोई प्रसिद्ध व्यक्ति करेंगे ।
४. सेंसर बोर्ड की तरह ओटीटी में भी आयु के अनुसार प्रमाणन प्रणाली होनी चाहिए । उनके लिए, टीवी, फिल्मों आदि में एक आचार संहिता होगी ।
५. डिजिटल मीडिया पोर्टलों को अफवाहें और गलत सूचना फैलाने का कोई अधिकार नहीं है ।