ईरान में हत्या की आरोपी एक महिला की मौत के पश्चात भी उसके मृतदेह को फांसी दी गई !

एक इस्लामी देश होनेवाले ईरान की क्रूर मानसिकता इससे दिखाई देती है ! ध्यान दें कि किसी भी मानवाधिकार संगठन, निधर्मीवादी, तथाकथित पुरो (अधो) गामी कभी भी ऐसे दूषित लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाने के लिए पहल नहीं करते हैं !

जाहरा इस्माइली

तेहरान (ईरान) – यहां जाहरा इस्माइली नामक एक महिला का दिल का दौरा पडने से मृत्यु हो गई । उसपर अपने पति की हत्या का आरोप था । इसलिए, उसके मृत्यु के पश्चात भी, शरिया कानून के अनुसार, उसके मृतदेह को फांसी दी गई । ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उसकी सास चाहती थी कि अपने बेटे की हत्या का प्रतिशोध लेने के लिए इस दंड की कार्रवाई होनी चाहिए ।

ईरान में ‘आंख के लिए आंख’ ऐसा नियम है । तदनुसार ही सास को अपने बेटे की मृत्यु का प्रतिशोध लेने का अधिकार प्राप्त हुआ है । जाहरा इस्माइली के मृतदेह के हाथ-पांव बांध कर एक कुर्सी में बैठाकर उसके गले में फंदा डाला गया था । तत्पश्चात सास ने कुर्सी को लात मार दी । फलस्वरूप, मृतदेह लटक गया तथा जाहरा इस्माइली के मृतदेह को मृत्युदंड मिला ।