प्रवर्तन निदेशालय ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की १८ करोड रुपये की संपत्ति जब्त की !

एमनेस्टी इंटरनेशनल एक तथाकथित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन है, जो भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त है । इसलिए इस संगठन की न केवल शाखा ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया’ की संपत्तियों को जब्त करना आवश्यक है, अपितु इस पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाना चाहिए !

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मानवाधिकार संगठन, ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया’ की १७ करोड ६६ लाख रुपये की संपत्ति जब्त की है । इससे जुडे ट्रस्ट पर ‘फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेग्युलेशन ॲक्ट’ (एफसीआरए) के उल्लंघन में सम्मिलित होने का भी आरोप है । इस प्रकरण में कुल संपत्ति १९ करोड ५४ लाख रुपये है ।

१. प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांडरिंग प्रतिबंधक अधिनियम, २००२ के तहत ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के बैंक खातों को अस्थायी रूप से अधिग्रहीत करने का आदेश जारी किया है । ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट’ और उसकी ‘सहसंस्था मेसर्स इंडियन्स’, दोनों भारतीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए प्राप्त की है एवं उसे विभिन्न चल और अचल संपत्ति में परिवर्तित कर दिया है ।

२. प्रथम दर्शनी यह पाया गया कि, ‘मेसर्स एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्रा. लिमिटेड’ को अन्य विदेशी स्त्रोतों से पैसा भेजा गया है । उसे ‘मेसर्स एमनेस्टी इंटरनेशनल’ (इंग्लैंड) से ५१ करोड ७२ लाख रुपये मिले हैं ।

३. ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया’ के काम की जांच अक्टूबर २०१८ से चल रही है । २९ सितंबर, २०२० को ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने सरकारी एजेंसियों द्वारा “उत्पीडन” का आरोप लगाते हुए, देश में अपने संचालन को निलंबित कर दिया । उस वर्ष नवंबर में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) ने आरोप लगाया था कि, उसने एफ.सी.आर्.ए. के तहत अनिवार्य अनुमति के बिना ३६ करोड रुपये लिए थे, फलस्वरूप, उसके कार्यालयों पर छापा मारा गया था ।