भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के मन में भारत के प्रति प्रेम नही था ! – उत्तर प्रदेश भाजपा के मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला

शुक्ला की सरकार सत्ता में होने पर अब उन्हें सरकारी तंत्र द्वारा अबुल कलाम आजाद की चल रही प्रशंसा बंद करने के लिए आगे आना चाहिए । उनका जन्म दिन यह राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाया जाता है, उस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, उन्हे दिया भारत रत्न पुरस्कार वापस लेना चाहिए, उसी प्रकार उनका सच्चा रुप भावी पीढी के सामने लाने का प्रयास करना चाहिए, ऐसी राष्ट्र प्रेमियों की अपेक्षा है ।

आनंद स्वरुप शुक्ला

बलिया (उत्तर प्रदेश) – भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद को भारत और भारतीयत्व के प्रति प्रेम नहीं था, ऐसा विधान उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला ने यहां के जननायक चंद्रशेखर विद्यापीठ के एक कार्यक्रम में बोलते हुए किए ।

शुक्ला ने कहा कि,

१. आजाद के कारण भारत की शिक्षा व्यवस्था खराब हुई । मौलाना आजाद के बाद भी अनेक लोग थे जिन्होंने देश की शिक्षा व्यवस्था खराब की । इसमें एम.सी. छागला, नुरूल हसन और हुमायूं कबीर के जैसे लोगों का समावेश है ।

२. भारत के जिस स्थान के लोगों को ‘पाकिस्तान बने’ ऐसी इच्छा नही थी, उस स्थान पर पाकिस्तान बनाया गया; लेकिन जिस स्थान के लोगों को ‘पाकिस्तान हटना चाहिए’, ऐसी इच्छा थी वे सभी लोग भारत में ही रह गए ।

३. इतिहासकारों ने इतिहास में औरंगजेब द्वारा किए अन्याय और अत्याचारों को जगह नहीं दी, उसी प्रकार अकबर को महान बताने का काम किया, इतिहासकारों ने हमेशा ही ‘अखंड भारत’ का संकल्प लेने वालों को ‘धर्मांध’ कह कर संबोधित किया ।