पूरे देश में किसानों द्वारा घोषित बंद शांतिपूर्ण रहा !
‘बंद’ का अर्थ अपनी मांगों के लिए देश और जनता को कष्ट पहुंचाकर देश के सहस्रों करोड रुपए की हानि करनेवाला अपराध है ! इस प्रकार हानि पहुंचाना जनताद्रोह ही है ! सरकार इसकी ओर ध्यान दे, कि किसी को भी इस प्रकार आंदोलन करने की स्थिति न आए !
नई देहली – केंद्र सरकार द्वारा पारित ३ कृषि विधेयकों के विरुद्ध किसानों द्वारा घोषित ८ दिसंबर का ‘भारत बंद’ आंदोलन शांतिपूर्ण रहा । हिंसा की छुटपुट घटनाओं को छोडकर बंद शांतिपूर्ण ही रहा । इस बंद के उपरांत किसान नेता राजेश टिकैत ने यह जानकारी दी कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है ।
१. सवेरे ११ से दोपहर ३ बजे की अवधि में किए गए बंद के समय देहली की सीमा पर पिछले १३ दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने आवश्यक सेवाएं चलाने की अनुमति देते हुए यहां की सडक बंद कर रखी थी ।
२. देहली के आम आदमी दल ने यह आरोप लगाया कि देहली पुलिस ने राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद रखा; परंतु पुलिस ने यह आरोप अस्वीकार किया ।
३. जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया । इस समय दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में हाथापाई हुई, साथ ही पत्थरबाजी भी की गई ।
४. बिहार में भी बंद का पालन किया गया । यहां राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने सडक बंद आंदोलन किया, तो कुछ स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए ।
५. उत्तर प्रदेश में बंद का मिला-जुला प्रत्युत्तर मिला । लक्ष्मणपुरी में धारा १४४ लागू की गई थी । प्रयागराज में समाजवादी दल के कार्यकर्ताओं ने रेलगाडी को रोककर रखा ।
६. बंगाल में ट्रेड यूनियन ने किसान आंदोलन के समर्थन में फेरी निकाली ।
७. कर्नाटक में कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा के बाहर आंदोलन का समर्थन किया । कलबुर्गी में वामपंथियों ने विरोध प्रदर्शन किया । बंगाल और ओडिशा राज्यों में वामपंथी राजनीतिक दलों ने रेलगाडियां रोकीं ।
८. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भी रेल स्थानक में आंदोलनकारियों ने गाडियां रोकीं ।
९. गुजरात में अहमदाबाद-विरमगाम महामार्ग पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर सडक बंद आंदोलन किया । उससे यातायात प्रभावित हुई । आंदोलनकारियों ने वडोदरा और भरुच में राष्ट्रीय महामार्ग बंद किया था । पुलिस ने कर्णावती में कुछ आंदोलनकारियों को नियंत्रण में लिया ।