(कहते हैं) ‘आंदोलन को दबाने के लिये बल का उपयोग करना अयोग्य है !’

भारत में किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव का वक्तव्य !

  • दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन को सरकार द्वारा कहीं भी दबाया नहीं गया है, इसके विपरीत, उनके साथ अब तक ५ दौर की चर्चा हो चुकी है । फिर भी संयुक्त राष्ट्र और अन्य पश्चिमी देश, जानबूझकर भारत को बदनाम करने और दबाव बनाने के लिए, ऐसे बयान दे रहे हैं ; उन्हें सही भाषा में समझाने की आवश्यकता है !

  • याद रखें कि जब जिहादी और खालिस्तानी आतंकवादी भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं और निर्दोष हिंदुओं को मारते हैं, तब संयुक्त राष्ट्र और अन्य देश जानबूझकर मुंह में दही जमाकर मौन धर लेते हैं !
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस

जेनीवा (स्विट्जरलैंड) – आंदोलनों को दबाने के लिए बल का उपयोग करना अयोग्य है ; क्योंकि, लोगों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है । संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंटोनियो गुटेरेस ने भारतीय किसानों के आंदोलन के बारे में कहा, “हम भारत को यह बताना चाहते हैं कि अधिकारियों को उन्हें विरोध प्रदर्शन करने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए ।” भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, “कुछ देशों के नेताओं ने गलत सूचना के आधार पर अनावश्यक विचार व्यक्त किए हैं ।”, जिसको लेकर गुटेरेस ने उपरोक्त जवाब दिया है ।

संयुक्त राष्ट्र के एक अन्य महासचिव, स्टीफन दुजारिक ने कहा, “हम लोगों को स्वयं के लिए आवाज उठाते देखना चाहते हैं । लोगों को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें ऐसा करने की अनुमति देनी चाहिए।”

भारत द्वारा समझाने के बाद भी किसानों को जस्टिन ट्रूडो का समर्थन !

ओटावा (कनाडा) – कनाडा के प्रधान मंत्री, जस्टिन ट्रूडो ने भी किसानों के आंदोलन के समर्थन में बात की है । भारत ने उन्हें उसपर समझाया था ; परंतु उन्होंने एक बार फिर आंदोलन का समर्थन किया है । उन्होंने कहा कि, “शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार अबाधित रहना चाहिए । अगर दुनिया में कहीं भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन होता है , तो मेरा उसे समर्थन रहेगा ।”