वेदों के महत्व को विश्व में फैलाते हैं ब्राजील के जोनास मसेटी उर्फ ‘विश्वनाथ’ !

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनकी प्रशंसा !

  • अन्य धर्मी विदेशी भारत आते हैं, वेदों का अध्ययन करते हैं और फिर इसका प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में करते हैं ; यह स्वधर्म के बारे में हिंदुओं को अनभिज्ञ होने के लिए एक थप्पड है ।
  • क्या जो हिंदू पाश्चात्य देशों का अंधानुकरण करते हैं और स्वयं के महान धर्म की उपेक्षा करते हैं, वे पश्चिमी लोगों द्वारा हिंदू धर्म के प्रसार को देख कर क्या अब जागृत होंगे ?
बाएं से, जोनास मसेटी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ब्राजील के जोनास मसेटी के बारे में विशेष जानकारी दी थी । भारत में ४ वर्ष व्यतीत करने के उपरांत, मसेटी वेदों के महत्व को तंत्र ज्ञान के माध्यम से विश्व में प्रसारित करने का पवित्र कार्य कर रहे हैं ।

१. इस अवसर पर बोलते हुए मोदी जी ने कहा, कि कुछ लोग भारतीय संस्कृति, धर्मग्रंथों, पुराणों और वेदों की खोज में भारत आए और जीवन पर्यंत यहां रहे, जबकि कुछ भारत के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में अपने देश लौट गए । मुझे जोनास मसेटी के कार्य के बारे में जानकारी मिली, जिन्हें विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है । वो ब्राजील में भागवत गीता और वेदों की शिक्षा देते हैं ।

२. मसेटी जोनास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ स्नातक होने के बाद, एक प्रतिष्ठान में काम कर रहे थे ; लेकिन फिर भारतीय संस्कृति और वेदों में उनकी रुचि बढ़ने लगी । उन्होंने तमिलनाडु के कोयंबत्तूर में, अर्श विद्या गुरुकुलम में ४ वर्षों तक वेदों का अध्ययन किया । उन्होंने अध्यात्म के लिए पूरा समय देने का निर्णय लिया है । वे ब्राजील में ‘विश्वविद्या’ नामक एक संगठन चला रहे हैं । पिछले ७ वर्षों में, जोनास एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम के माध्यम से लाखों लोगों को वेद सिखा रहा हैं । ट्विटर और इन्स्टग्रैम पर उनके ३४००० से अधिक अनुयायी हैं, जहां वे भारतीय संस्कृति और वेदों की शिक्षा देते हैं । प्रधानमंत्री मोदी ने जोनास की इस जीवनयात्रा को अनुकरणीय बताया है ।