मार्क्सवादी कम्युनिस्ट दल के द्वारा जाति के आधार पर भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए दलित महिला इस्लाम स्वीकार करने की तैयारी में !

माकपा एक ढोंगी धर्मनिरपेक्ष दल है – ऐसा भी आरोप लगाया

  • अन्य समय पर दलितों के नाम पर राजनीति करनेवाले अधिकतर राजनीतिक दल अब कुछ क्यों नहीं बोलते ? 
  • यह महिला इस्लाम का स्वीकार न करे, इसके लिए अब हिन्दू संगठनों को भी प्रयास करने चाहिए ; ऐसा हिन्दुओं को लगता है !
चित्रलेखा नामक दलित हिन्दू ऑटो चालक महिला

कन्नूर (केरल) – चित्रलेखा नामक दलित हिन्दू ऑटो चालक महिला ने राज्य के सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट दल द्वारा जाति के आधार पर भेदभाव किए जाने के कारण इस्लाम को स्वीकार करने की बात कही है । चित्रलेखा ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह घोषणा की है । चित्रलेखा ने इससे पहले यह आरोप लगाया था कि, ‘मेरी जाति के कारण माकपा कार्यकर्ताओं ने मुझे काम नहीं करने दिया । उन्होंने मेरी ऑटो भी जला दी ।’

२ वर्ष पूर्व, पिछली माकपा गठबंधन सरकार ने चित्रलेखा को घर बनाने हेतु भूमि और धन की सहायता देने की घोषणा की थी ; परंतु वर्तमान माकपा की सरकार ने यह निर्णय रद्द कर दिया । चित्रलेखा ने इसके विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आंदोलन भी किया । चित्रलेखा ने कहा है कि, ‘अब न्यायालय से भी मुझे न्याय मिलने की संभावना अल्प होने के कारण मैं दलित के रूप में अपनी जाति छोड कर इस्लाम स्वीकार करने का प्रयास कर रही हूं । माकपा एक ढोंगी धर्मनिरपेक्षतावादी राजनीतिक दल है ।’