मुसलमान विरोधी भावना बढेगी ; इसलिए २६/११ के आक्रमण के बाद कांग्रेस सरकार ने पाक पर आक्रमण नहीं किया ! – बराक ओबामा का खुलासा

  • अच्छा हुआ कांग्रेस के सच्चे चेहरे का खुलासा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने किया ! पिछले अनेक दशकों से भारत के हिंदुत्तवनिष्ठ संगठन यही बता रहे हैं ; लेकिन उसपर तथाकथित निधर्मीवादी और आधुनिकतावादी विश्वास करने को तैयार नहीं थे । अब तो वे इसपर विश्वास रखकर कांग्रेस को प्रश्न पूछेंगे, ऐसी अपेक्षा है !

  • कांग्रेस इस देश को मिला शाप है, ऐसा किसी के कहने पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए । स्वतंत्रता के उपरांत ही नहीं, अपितु स्वतंत्रता के पहले, गांधी का उदय होने से लेकर देश की इतनी हानि कांग्रेस के कारण हुई है !
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा

वाशिंगटन (अमेरिका) – २६/११ को मुंबई पर हुए जिहादी आक्रमण के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री, डा. मनमोहन सिंह, पाक पर आक्रमण करने के लिए टालमटोल कर रहे थे । इस कारण उनकी राजकीय हानी हुई । डा.मनमोहन सिंह को ऐसी चिंता थी कि देश में मुसलमान विरोधी भावना बढेगी । इस कारण भाजपा की शक्ति बढ रही है ; इसीलिए डा. मनमोहन सिंह ने पाक के विरोध में कार्यवाही करने में टालमटोल की, ऐसा खुलासा अमेंरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने ‘अ प्रामिस्ड लैंड’ इस आत्मचरित्र में किया है ।

पाक सैनिकों मे कुछ के तालिबान और अल-कायदा से संबंध थे !

लादेन को मारने के लिए पाक से सहायता नहीं ली !

अमेरिका को यह पता था, फिर भी अमेरिका ने अनेक वर्षों तक पाक को आर्थिक और सैनिकी सहायता की, इस विषय में ओबामा ने क्यों नही बताया ? यह गलती वह क्यों नही स्वीकारते ? अमेरिका ने राजकीय स्वार्थ के लिए पाक की सहायता की, इसका परिणाम भारत को भोगना पडा है, इस विषय में ओबामा और अमेरिका भारत से क्षमा मांगेंगे क्या ?

ओसामा बिन लादेन को जान से मारने की कार्यवाही में पाकिस्तान सरकार ने हमें सहायता की थी । अफगानिस्तान में भी अमेरिकी सेना को आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए सहायता की थी ; किंतु पाक सेना और विशेषत: गुप्तचर संस्था में, कुछ लोगों का संबंध तालिबान और अल-कायदा से था । इस कारण इस कार्यवाही में उनका सहभाग नहीं लिया, ऐसा खुलासा भी बराक ओबामा ने अपने आत्मचरित्र में किया है । ‘अफगानिस्तान सरकार कमजोर रहे और अफगानिस्तान भारत के और पास ना जाए, इसलिए भी यह लोग कार्यरत थे’, ऐसा भी ओबामा ने कहा है ।

लादेन को मारने के लिए जो बाइडन का विरोध था !

वर्ष २०११ में, आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पाक में घुसकर जान से मारने की योजना को पूर्व राष्ट्रपति, बराक ओबामा, की सरकार में उपराष्ट्रपति रहे जो बाइडन और पूर्व रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स ने विरोध किया था । लादेन को जान से मारने के लिए अनेक पर्यायों पर विचार किया गया था । इस योजना को गुप्त रखने का आवाहन किया था, ऐसा ओबामा ने अपने आत्मचरित्र में किया है ।

आई.एस.आई., अल-कायदा और तालिबान का भारत और अफगानिस्तान के विरोध में प्रयोग करती है !

पाकिस्तान सेना को अल-कायदा, तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों का सहयोग है, यह रहस्य नहीं है । यह कितना धोका देनेवाला हो सकता है, यह हम सभी को ज्ञात है । गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. के अल-कायदा और तालिबान से सीधे और घनिष्ठ संबंध है । आई.एस.आई. इन आतंकवादी संगठनों का भारत और अफगानिस्तान के विरोध में प्रयोग करती है, ऐसा भी ओबामा ने अपनी पुस्तक में कहा है ।

भारत में लाखों लोग बेघर होते हुए भी उद्योगपति राजाओं जैसा जीवन जी रहे हैं !

भारत में लाखों लोग आज भी अत्यंत गरीब स्तिथि में रह रहे हैं । सूखाग्रस्त गांवों में लोग झोपडी में मितव्ययता से जी रहे हैं ; उसी समय, भारतीय उद्योग क्षेत्र में राजा महाराजाओं और मुगलों को भी शर्म आए, ऐसे शान से जी रहे हैं, ऐसा भी उन्होंने अपनी पुस्तक में कहा है । वर्ष २०१५ में बराक ओबामा भारत दौरे पर आए थे । तब वे अमेरिका के राष्ट्रपति थे । इस समय ओबामा से मिलने के लिए भारत के उद्योगपतियों की पंक्ती लगी थी । इस पंक्ती में रिलायंस समूह के सर्वेसर्वा मुकेश अंबानी भी सहभागी थे । उद्योगपतियों का ओबामा से मिलने के लिए पंक्ती में खडे रहने का छायाचित्र भी उस समय प्रसारित हुआ था ।

आधुनिक भारत अर्थात् यशस्वी कथा !

राजकीय पक्षों के बीच कटु संघर्ष, कई अलगाववादी सशस्त्र आंदोलन और भ्रष्टाचार के नए नए घोटाले होने पर भी आधुनिक भारत यह यशस्वी कथा है, ऐसा कहना पडेगा । वर्ष १९९० में अर्थ परिवर्तन के कारण भारत का भी एक बाजार उन्मुख अर्थव्यवस्था में परिवर्तन हुआ है । इस कारण भारतियों की अतुलनीय औद्योगिक कुशलता भी सामने आई । अनेक दृष्टि से आधुनिक भारत यह यशस्वी कथा है, ऐसा ओबामा ने इस आत्मचरित्र में कहा है । ओबामा ने डा. मनमोहन सिंह का गौरव, अर्थ परिवर्तन के शिल्पकार, ऐसा कहकर किया है ।