महिलाआें के लिए धर्माचरण करने के साथ ही स्वरक्षा प्रशिक्षण आवश्यक ! – श्रीमती प्राची जुवेकर, सनातन संस्था
पूर्वोत्तर भारत की महिलाआें के लिए ऑनलाइन शौर्यजागृति कार्यक्रम का आयोजन
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – कानपुर मे केवल २१ दिन में ११ लव जिहाद की घटनाएं हुईं । इस स्थिति का गंभीरता से विचार करके महिलाओं को संघर्ष करने की स्वयं की मानसिकता बनानी चाहिए । इसके साथ ही कुमकुम लगाना, अलंकार पहनना, कुलाचार का पालन करना आदि धर्माचरण नित्य कृति में लाएं, तथा स्वरक्षा प्रशिक्षण लें । इसके कारण हममें देवी का शक्तितत्त्व जागृत होकर आत्मबल बढेगा, ऐसे विचार सनातन संस्था की श्रीमती प्राची जुवेकर ने व्यक्त किए । महिलाएं आत्मनिर्भर बनें, इसलिए विजयादशमी निमित्त सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से पूर्वोत्तर भारत की महिलाआें के लिए ऑनलाइन शौर्यजागृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । इसका लाभ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल की अनेक युवतियों और महिलाआें ने लिया । समिति की रणरागिनी शाखा की कार्यकर्त्रियों ने स्वरक्षा का प्रत्यक्ष प्रदर्शन ऑनलाइन प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए अधिवक्ता सुगंधा सिन्हा ने कहा, पश्चिमी संस्कृति के अंधानुकरण के कारण आज महिलाएं धर्माचरण को भूल रही हैं और भारी मात्रा में लव जिहाद की बलि चढ रही है । महिलाओं को माता जीजाबाई, अहिल्यादेवी होलकर एवं रानी लक्ष्मीबाई का आदर्श सामने रखकर सक्षम होने की आवश्यकता है ।
समिति के युवा संगठक श्री. सुमित सागवेकर ने बताया कि महिलाओं को स्वयं को दुर्बल मानकर हार मानने के स्थान पर देवियों तथा वीरांगनाओं के शौर्य का आदर्श रखकर स्वयं में क्षात्रतेज जगाने की आवश्यकता है ।
अभिमत
- श्रीमती अर्पिता देवनाथ, बंगाल : कार्यक्रम में उपस्थित होने से वास्तव में शौर्य जागरण होने की अनुभूति हुई ।
- कु. कनक भारद्वाज, धनबाद : प्रात्यक्षिक देखने के उपरांत आत्मविश्वास आया है कि मैं भी यह कर सकती हूं ।