शिक्षक की हत्या के उपरांत फ्रांस में कट्टरपंथियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई आरंभ

५१ इस्लामिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का विचार

मात्र एक घटना के उपरांत फ्रांस ने कठोर कार्रवाई आरंभ की, जबकि भारत में जिहादी आतंकवादियों ने तीन दशकों से हाहाकार मचा रखा है, किंतु भारत निष्क्रिय रहा ! अभी तक के शासक ही इसके लिए उत्तरदायी हैं !

पेरिस (रायटर) – एक स्कूल की कक्षा में पैगंबर मुहम्मद के एक व्यंगचित्र को दिखाने के कारण एक शिक्षक की हत्या होने के उपरांत फ्रांसीसी पुलिस ने जिहादियों को पकडने के लिए अनेक स्थानों पर छापे मारे हैं । ८० से अधिक स्थानों पर जांच आरंभ की गई है और ५१ इस्लामी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का विचार किया जा रहा है । इनमें कुछ बडे संगठन भी हैं । यही नहीं, फ्रांस से २१३ विदेशियों को निष्कासित किया जा रहा है । उनमें से लगभग १५० वर्तमान में फ्रांस के कारागारों में हैं । उन पर इस्लामिक कट्टरवाद को भडकाने का आरोप है ।

शिक्षक को मारने वाले कट्टरपंथियों का समर्थन करनेवालों की भी खोज चल रही है और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है । अबतक कट्टरपंथी परिवार के चार सदस्यों को बंदी बनाया गया है, साथ ही माध्यम में शिक्षक के विरुद्ध लिखनेवाले उनके पिता को भी नियंत्रण में लिया गया है । शिक्षक को मारने वाले धर्मांध का नाम ‘अब्दुल्लाख अंजोरोख’ है । जब वह ६ वर्ष का था, तब शरणार्थी के रूप में फ्रांस आया था । (यह देखते हुए कि शरणार्थी कितने कट्टर होते हैं, तथा वे जिस देश में जाते हैं, वहां हिंसा भडकाते हैं । हमें ध्यान में रखना चाहिए कि भारत ऐसे कट्टर शरणार्थियों को कभी शरण नहीं दे ! साथ ही घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को भी शीघ्रातिशीघ्र निष्कासित करना चाहिए ! – संपादक)