आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की जरूरत ही न होती, यदि हम म. गांधी के विचारों पर चलते ! – प्रधानमंत्री मोदी

स्वातंत्र्यवीर सावरकर तथा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रत्यक्ष कृति का अनुकरण करते, तो भारत आज वैश्विक महासत्ता हुआ होता, जनता को ऐसा भी लगता है !

नई देहली – दो अक्तूबर का दिन हम सब के लिए प्रेरणा का दिन होता है । यह दिन म. गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को स्मरण करने का दिन है । अर्थव्यवस्था के विषय में गांधी के जो विचार थे, उनको यदि आत्मसात किया गया होता और हम उसी मार्ग पर हम चलते, तो आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की आवश्यकता ही न होती, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में यह मत व्यक्त किया ्। इस समय उन्होंने विविध सूत्रों पर अपने विचार व्यक्त किए ।

मोदी ने आगे कहा कि जो अपनी भूमि से जुडा होता है, वो सकारात्मक रहकर किसी भी संकट का सामना कर सकता है । अपने देश के किसान इसका उदाहरण हैं । कोरोना के संकटकाल में विश्वास के साथ अपनी भूमि पर सेवारत रहकर उन्होंने इस आपदा का सामना किया है । अपने देश के किसान ‘आत्मनिर्भर भारत’ संकल्पना की रीढ की हड्डी हैं ।