नक्सल समर्थक सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका पर विचार करना सर्वाेच्च न्यायालय ने नकारा

कोरेगांव भीमा दंगा प्रकरण

सुधा भारद्वाज

नई देहली – २४ सितंबर को कोरेगांव भीमा दंगे के प्रकरण की आरोपी तथा नक्सल समर्थक सुधा भारद्वाज द्वारा जमानत के लिए प्रविष्ट की गई याचिका पर विचार करना सर्वोच्च न्यायालय ने नकार दिया है ।

न्यायाधीश उदय ललित एवं न्यायाधीश अजय रस्तोगी की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई । भारद्वाज की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कहा कि ‘भारद्वाज पिछले २ वर्ष से भी अधिक समय से कारागार में बंद हैं तथा अभी तक उनके विरुद्ध आरोप सुनिश्चित नहीं किए गए हैं, उनके पास से कुछ भी जब्त नहीं किया गया है अथवा उनके पास किसी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री भी नहीं मिली है । भारद्वाज को मधुमेह के साथ अन्य कई बीमारियां भी हैं ।’

इस पर खंडपीठ ने कहा ‘भारद्वाज के रक्त में रक्तशर्करा की मात्रा सही है । चिकित्सकीय परीक्षण के आधार पर प्रविष्ट इस जमानत याचिका पर हम आपका साथ नहीं दे सकते । आप गुणवत्ता के आधारपर यह अभियोग लड सकते हैं । आप नियमित जमानत के लिए आवेदन क्यों नहीं करते ?’ इसके उपरांत भारद्वाज के अधिवक्ता ने याचिका वापस ली ।