आंध्रप्रदेश के ईसाई मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने ‘भगवान वेंकटेश्वर पर श्रद्धा है’ इस अनिवार्य शपथपत्र पर हस्ताक्षर न कर तिरुपति मंदिर में किया प्रवेश !
हिन्दू संगठनों द्वारा निषेध !
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तिरुपति (आंध्रप्रदेश) – वाय.एस.आर. कांग्रेस दल के अध्यक्ष और आंध्रप्रदेश के ईसाई मुख्यमंत्री वाय.एस. जगनमोहन रेड्डी २३ सितंबर को तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में पहुंचे । इस समय उन्होंने अन्य धर्मियों के लिए अनिवार्य भगवान वेंकटेश्वर पर श्रद्धा रखने के शपथपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए । इसलिए विपक्ष और हिन्दू संगठनों ने उनका निषेध किया है ।
Here’s Why A Furore Has Been Raised Over Andhra Chief Minister Jagan Reddy’s Visit To Tirupati Balaji Temple Today@mrsubramanihttps://t.co/3KzB1KsoZ8
— Swarajya (@SwarajyaMag) September 23, 2020
१. मुख्यमंत्री नई देहली से सीधे तिरुमला पहुंचे । उन्होंने हिन्दू श्रद्धालुओं का पारंपरिक पोषाख परिधान करते हुए ‘तिरु’ नामक तिलक लगाया और राज्य सरकार की ओर से देवता को अर्पण करने के लिए रेशमी वस्त्र स्वयं के मस्तक पर रखकर मंदिर में ले गए । (केवल हिन्दुओं को भ्रमित करने के लिए रेड्डी ये कृत्य कर रहे हैं । हिन्दू अब इस नाटक की बलि न चढें ! – संपादक) इस समय वैदिक मंत्रघोष किया गया ।
२. भाजपा, तेलुगू देशम, कांग्रेस और हिन्दू संगठनों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘जगनमोहन रेड्डी ने शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने की शतकों पूर्व परंपरा का पालन करना चाहिए था । यदि इससे पूर्व उन्होंने शपथपत्र पर हस्ताक्षर न कर मंदिर में प्रवेश किया हो, तब भी अभी उन्हें इस नियम का पालन करना चाहिए था ।’
३. मुख्यमंत्री के दौरे के निमित्त निषेध मोर्चा निकालने का विचार करनेवाले तेलुगू देशम और हिन्दू संगठनों के नेता और कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए नियंत्रण में लिया । इसलिए तिरुपति में तनावपूर्ण वातावरण निर्माण हो गया ।
४. तेलुगू देशम के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने मांग की है कि, ‘जगनमोहन रेड्डी मंदिर की परंपराओं का आदर करें और अहिन्दू लोगों के लिए अनिवार्य शपथपत्र पर हस्ताक्षर करें ।’
५. भाग्यनगर में श्री पीठम स्वामी परिपूर्णानंद पत्रकारों से बोले कि, जगनमोहन रेड्डी को हिन्दुओं की भावनाओं का आदर करना चाहिए; क्योंकि इस शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने से उन्हें कोई हानि नहीं पहुंचती ।
६. राज्य नागरिक आपूर्ति मंत्री कोडाली नानी ने तिरुमला में ऐसा नियम लागू करने की औपचारिकता पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किया । उन्होंने प्रश्न किया कि ‘जिन्हें भगवान वेंकटेश्वर पर विश्वास है, वे ही तिरुमला मंदिर में आते हैं । कोई भी अपनी श्रद्धा पुनः क्यों घोषित करे ?’ (यदि श्रद्धा है, तो वह घोषित करने में क्या अडचन है ?, यह कोडाली नानी को बताना चाहिए ! धर्महानि होने पर भी उसका समर्थन करनेवाले हिन्दू जनप्रतिनिधि हिन्दू धर्म के खरे बैरी हैं ! – संपादक)
मुख्यमंत्री का समर्थन करनेवाले देवस्थानम के अध्यक्ष उनके चाचा सुब्बा रेड्डी !
तिरुमला तिरुपती देवस्थानम के अध्यक्ष और जगनमोहन रेड्डी के चाचा सुब्बा रेड्डी ने कहा कि, अहिन्दुओं को अनिवार्य रूप से हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं थी और इसीलिए जगनमोहन रेड्डी को वह हस्ताक्षर नहीं करने पडे ।
मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के राज्य में मंदिरों पर आक्रमण होकर भी वे निष्क्रिय ! – चंद्राबाबू नायडू
अमरावती (आंध्रप्रदेश) – राज्य में प्रतिदिन मंदिरों पर आक्रमण हो रहे हैं । तब भी मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने एक भी मंदिर में जाकर उसका निरीक्षण नहीं किया है । मुख्यमंत्री किसी भी धर्म के हों, तब भी उन्हें प्रत्येक धर्म के श्रद्धालुओं को समानता से न्याय देना उनका कर्तव्य है । प्रत्येक धार्मिकस्थल की रक्षा करना सरकार का दायित्व है, ऐसी आलोचना आंध्रप्रदेश के तेलुगू देशम दल के अध्यक्ष चंद्राबाबू नायडू ने की है । राज्य के मंदिरों पर बढते आक्रमणों पर वे बोल रहे थे । उन्होंने दावा किया है कि जब तक हमारे दल की सत्ता थी, तब तक प्रत्येक धार्मिकस्थल की रक्षा की गई थी ।
आंध्रप्रदेश में गत कुछ मास में हिन्दुओं के मंदिरों पर हुए आक्रमण
१. गुंटूर बस स्थान (बस स्टॉप) के निकट स्थित देवी का मंदिर तोडा ।
२. पिठापुरम मे देवताओं की मूर्तियां तोडीं ।
३. नेल्लोर में श्री वेंकटेश्वर स्वामी का रथ जलाया ।
४. उंद्राजवराम मेें देवी के मंदिर का प्रवेशद्वार तोडा ।
५. विजयवाडा स्थित श्री विजयेश्वर स्वामी देवालय तोडा ।
६. विजयवाडा में श्री कनकदुर्गा देवी के मंदिर में रथ पर स्थित चांदी के ३ सिंहों की चोरी
७. पश्चिम गोदावरी जनपद के आकिविडु गांव के विद्यालय में स्थित श्री सरस्वती देवी की मूर्ति तोडी ।
८. पश्चिम गोदावरी जनपद के एलेश्वर गांव में स्थित श्री हनुमानजी की मूर्ति का हाथ तोडा ।
९. पूर्व गोदावरी जनपद के अंतर्वेदी में श्री लक्ष्मी नृसिंह भगवान का रथ जलाया ।
१०. बुट्टायगुडम गांव के शिवमंदिर में श्री दत्तात्रेय स्वामी की मूर्ति तोडी ।
११. कृष्णा जनपद के मक्कपेटा गांव में श्री काशी विश्वेश्वर स्वामी देवालय में स्थित नंदी की मूर्ति तोडी ।
१२. राजमंड्री मेें श्री गणपती की मूर्ति पर मल पोता ।
१३. अनंतपुर के श्री पशुपतिनाथ मंदिर में स्थित नंदी की मूर्ति तोडी ।