पितृऋण से मुक्‍त होना ही मनुष्‍यजन्‍म का मूल उद्देश्‍य ! – पूज्‍य नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक संत, हिन्‍दू जनजागृति समिति

सनातन संस्‍था की ओर से उत्तर भारत में ‘पितृपक्ष’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ प्रवचन संपन्‍न

     वाराणसी (उ.प्र.) – हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से उद्योगपतियों के लिए ‘ऑनलाइन’ सत्‍संग का आयोजन किया गया । इस सत्‍संग में हिन्‍दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पूज्‍य नीलेश सिंगबाळजी ने बताया कि ‘‘पितृऋण से मुक्‍त होने के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध अवश्‍य करना चाहिए । श्राद्ध करने से पूरे वंश की शुद्धि होती है । आपातकाल में आमान्‍न श्राद्ध, द्रव्‍य श्राद्ध, गोग्रास दान आदि पद्धति से श्राद्ध कर सकते हैं ।’’ इसी के साथ उन्‍होंने महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय द्वारा किए गए आध्‍यात्‍मिक शोधकार्य के बारे में जानकारी दी । ‘बायो वेल जी डी वी’ प्रणाली के माध्‍यम से नामजप करने से तनाव कैसे कम होता है, इसका वैज्ञानिक प्रमाण दिया गया । सत्‍संग में हिन्‍दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश और बिहार के राज्‍य समन्‍वयक श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी ने बताया कि ‘‘हलाल अर्थव्‍यवस्‍था हिन्‍दू समाज को बेरोजगार बनाने का षड्‍यंत्र है । केरल राज्‍य में जानबूझकर ओणम त्‍योहार के अवसर पर हिन्‍दुओ को हलाल प्रमाणित पापड देकर, उनकी धार्मिक भावनाओं को दुखाया गया । अतः हिन्‍दू व्‍यापारियों का एकत्र आकर अच्‍छा संगठन खडा करना आवश्‍यक है ।’’ अंतिम सत्र में उपस्‍थित धर्मबंधुओं की शंकाओं का समाधान किया गया । इस ‘ऑनलाइन’ सत्‍संग में उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा राज्‍य से अनेक उद्योगपति सम्‍मिलित हुए थे ।