तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा अनुमति अस्वीकार करने पर भी भाग्यनगर पुलिस प्रशासन से मुहर्रम की शोभायात्रा को दी थी अनुमति !

श्री गणेशमूर्ति विसर्जन शोभायात्रापर पुलिस प्रशासन ने लगाया था प्रतिबंध

  • पुलिस प्रशासन का कानूनद्रोह ! ऐसा पुलिस प्रशासन कानून-व्यवस्था क्या बनाए रखेगा ?
  • जिस तेलंगाना में अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करनेवाली तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार सत्ता में हो, वहां का पुलिस प्रशासन इससे अलग क्या करेगा ? भाग्यनगर पुलिस प्रशासन के विरुद्ध न्यायालय के अपमान करने के संदर्भ में याचिका प्रविष्ट कर उनके विरुद्ध कार्यवाहीे करने के लिए कानूनप्रेमी नागरिकों को प्रयास करने चाहिए !

भाग्यनगर (तेलंगाना) – पिछले सप्ताह यहां न्यायालय के आदेश को ताकपर रखकर सैकडों लोग मुहर्रम की शोभायात्रा में सम्मिलित हुए थे । इस शोभायात्रा में सहभागी अनेक लोगों ने मास्क नहीं लगाए थे, साथ ही सामाजिक दूरी का भी पालन नहीं किया गया था । उन्होंने भाग्यनगर में ‘बाबी का आलम’ शोभायात्रा निकाली । यह शोभायात्रा मुसलमानबहुल चारमीनार, गुलजार हुज, पुरानी हवेली और दारूशिफा से मार्गस्थ होकर चर्मघाटपर समाप्त हुई । तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कोरोना संकट के चलते मुहर्रम के दिन पुराने भाग्यनगर में शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी थी, साथ ही इस आदेश का उल्लंघन किए जानेपर कठोर कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी थी । इस संदर्भ में न्यायालय ने पुलिस प्रशासन को कार्यवाही करने का निर्देश दिया था; परंतु वास्तव में पुलिस आयुक्त ने इस शोभायात्रा की अनुमति देकर सुरक्षा भी प्रदान की ।

१. तेलंगाना की सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार ने इस वर्ष श्री गणेश चतुर्थी के समय, साथ ही मुहर्रम के समय में शोभायात्रा निकालनेपर प्रतिबंध लगाया था

२. सर्वाेच्च न्यायालय ने भी मुहर्रम की शोभायात्रा निकालने की अनुमति अस्वीकार की थी । न्यायालय ने कहा था कि यदि शोभायात्रा निकालने की अनुमति दी गई, तो उससे अराजकता उत्पन्न होगी और एक विशेष समुदाय को कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा, जो हमें अपेक्षित नहीं है ।