नगद राशि की समस्या के कारण तिरुपति मंदिर में 12 सहस्र करोड रुपएकी आवर्ति जमा पर मासिक ब्याज लेगा
कोरोना संकट का परिणाम
तिरुपति (आंध्र प्रदेश) : तिरुमला तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में कोरोना संकट के कारण श्रद्धालुओं से मिलनेवाली नगद अर्पण घट जाने के कारण तिरुमला तिरुपति देवस्थान ने 28 अगस्त को हुई बैठक में 12 सहस्र करोड रुपए की नगद आवर्ति जमा पर मिलनेवाले ब्याज का मासिकस्वरूप में रूपांतरण करने का निर्णय लिया । इस मासिक ब्याज का उपयोग कर्मचारियों का वेतन देने, ओवरहेड खर्चा चलाने और नियमित धार्मिकविधि करने के लिए किया जाएगा ।
1. तिरुमला में संपन्न तिरुपति तिरुमला देवस्थान न्यास विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया । देवस्थान विभाग के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने बोर्ड की बैठक के पश्चात पत्रकारों को बताया कि अभी तक देवस्थान बैंकों में 3 महीने, 6 महीने और वार्षिकनगद आवर्ति जमा कर रहा है और केवल आवर्ति जमा की परिपक्वता के (मैच्युरिटी) अंत में ब्याज ले रहा है ।
2. आवर्ति जमा से मिलनेवाला मासिक ब्याज 706 करोड रुपए देवस्थान के वार्षिक अर्थसंकल्प के 3 सहस्र 309 करोड रुपए के पश्चात दूसरे क्रम की आय है । इसके अतिरिक्त लगभग 1 सहस्र 313 करोड रुपए दानपेटियों के पश्चात आय का सर्वाधिकस्रोत है ।
3. देवस्थान विभागने यह भी निर्णय लिया है कि देवता को अर्पण में मिले सोने की आवर्ति जमा को वर्तमान अल्प – समयसीमा की आवर्ति जमा में रूपांतरित किया जाए जिससे अधिक ब्याज मिलेगा । वर्ष 2015 में जब रिजर्व बैंक‘स्वर्ण बाँड योजना (गोल्ड मॉनिटाइजेशन) ले आया, तब देवस्थान ने भारतीय स्टेट बैंकमें 5 सहस्र 387 किलो, इंडियन ओवरसीज बैंकमें 1 सहस्र 938 किलो और पीएनबी बैंकमें 1 सहस्र 381 किलो सोना रखा । पिछले वर्ष परिपक्वता के पश्चात पीनबी में रखा गया सोना निकालकर उसे भारतीय स्टेट बैंकमें रखा गया ।
4. सितंबर महीने में देवस्थान विभाग ने ‘ब्रह्मोत्सव’(भक्तोफ्ल को उपस्थित रहने की अनुमति न देकर) का आयोजन करना सुनिश्चित किया । ‘ब्रह्मोत्सव’ तिरुपति मंदिर का सबसे बडा उत्सव है । पूरे देश में फैले कोरोना महामारी के कारण ब्रह्मोत्सव सादगी से मनाया जानेवाला है । अक्टूबर महीने में और एक ब्रह्मोत्सव होगा । स्थिति सामान्य होने पर श्रद्धालुओं को इसमें पुनःसम्मिलित होने की अनुमति दी जा सकती है ।