मुसलमानबहुसंख्यक पाकिस्तान ‘इस्लामी राष्ट्र’ है, तो हिन्दूबहुसंख्यक भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ क्यों नहीं ? – – महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष, अखाडा परिषद ।
कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोटकर संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ शब्द घुसा दिए हैं । भाजपा सरकार को संसद में प्रस्ताव पारित कर इन शब्दों को हटाकर वहां ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द अंतर्भूत कर भारत को आधिकारिकरूप से ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करे, ऐसा धर्मप्रेमी हिन्दुओं को लगता है !
नर्इ देहली – अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने यह प्रश्न उपस्थित करते हुए कहा है कि एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को यह ध्यान में लेना चाहिए कि यदि पाकिस्तान मुसलमानबहुसंख्यक होने से वह इस्लामी राष्ट्र बन सकता है, तो भारत हिन्दू बहुसंख्यक होने के कारण हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं हो सकता ?’ ओवैसी ने अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन के उपरांत भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने का प्रयास होने पर टिप्पणी की थी । उस पर महंत नरेंद्र गिरि ने यह प्रश्न उपस्थित किया है ।
भारत हिन्दू राष्ट्र ही है, जहां सभी धर्माें का सम्मान होता है !
महंत गिरि ने आगे कहा, ‘‘वास्तव में भारत एक हिन्दू राष्ट्र ही है; परंतु यहां सभी धर्माें का सम्मान किया जाता है । हम सनातनी लोग अन्य धर्माें का आचरण करनेवाले लोगों का भी सम्मान करते हैं, उनसे गले मिलते हैं और उनके प्रति आस्था रखते हैं; परंतु जब कोई हमारे धर्म को चुनौती देता है और अनादरपूर्ण शब्दों का प्रयोग करता है, तो उन्हें उत्तर देने के लिए हम सदैव तैयार रहते हैं ।’’
काशी और मथुरा को भी मुक्त करना है !
अयोध्या की श्रीरामजन्मभूमि का संघर्ष अब समाप्त हो चुका है । अब काशी एवं मथुरा के मंदिरों को मुक्त करने का समय आ गया है । काशी एवं मथुरा (इन मंदिरों की बाजू में स्थित अवैध मस्जिदें) हिन्दुओं के लिए कलंक हैं और उसे मिटाना अब आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है; परंतु शांतिपूर्ण पद्धति से आंदोलन और न्यायालयीन प्रक्रिया के माध्यम से काशी और मथुरा को मुक्त किया जाएगा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया ।
श्रीराममंदिर संविधान की कार्यकक्षा में ही बनाया जा रहा है !
श्रीराममंदिर तो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत संविधान की कार्यकक्षा में रहकर ही बनाया जा रहा है । न्यायालय के निर्णय के तथा श्रीराममंदिर तीर्थक्षेत्र न्यास के निमंत्रण के पश्चात ही अयोध्या जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन किया । मंदिर निर्माण के लिए हिन्दुओं ने सैकडाे वर्ष न्यायालय के निर्णय की प्रतिक्षा की ।