कालीकत (केरल) विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में हिन्दू विरोधी लेखिका अरुंधती रॉय का राष्ट्रविरोधी लेख समाविष्ट
- लेख में मोहम्मद अफजल और कश्मीर के अलगाववाद का समर्थन
- भाजपा और अन्य राष्ट्रप्रेमी संगठनों का विरोध
ऐसे विश्वविद्यालय के विरुद्ध देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट होनी चाहिए तथा इस संदर्भ में अरुंधती रॉय पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? , केंद्र सरकार यह देखे, राष्ट्रप्रेमियों को ऐसी अपेक्षा है !
कालीकत (केरल) – कालीकत विश्वविद्यालय में हिन्दूविरोधी लेखिका अरुंधती रॉय का ‘कम सेप्टेंबर’ नामक राष्ट्रविरोधी लेख ‘प्रशंसनीय गद्य’ नाम की पुस्तक में समाविष्ट किया गया है । प्रा सीआर मुरुगन बाबू और प्रा अबिद फारुकी ने बीए के (अंग्रेजी साहित्य) विद्यार्थियों के लिए इस पुस्तक का संपादन और संकलन किया है ।
१. संकलकों ने लेखिका के परिचय में उसके कुप्रसिद्ध और देशद्रोही वक्तव्य दिए हैं । उसमें ‘आतंकवादी मोहम्मद अफजल को फांसी देना भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा था’, वाक्य का समावेश है । रॉय ने कश्मीरी स्वतंत्रता तथा सशस्त्र भारतीय सेना के विरुद्ध कश्मीरियों के ‘निःशस्त्र संघर्ष’ का समर्थन किया है’, जैसे वाक्य भी हैं ।
The BJP in Kerala has petitioned Governor Arif Mohammed Khan, seeking withdrawal of Booker Prize winner Arundhati Roy’s ‘Come September’ speech of 2002 from Calicut University’s textbook for the BA English course.https://t.co/m23Zw7CPj5
— The Indian Express (@IndianExpress) July 28, 2020
२. भाजपा, अ.भा.वि.प. और अनेक राष्ट्रवादी संगठनों ने विश्वविद्यालय के देशविरोधी कृत्यों की निंदा की है । ‘शिक्षा सुरक्षा अभियान’ के (‘एसईएम’के) प्रदेशाध्यक्ष और ‘राष्ट्रीय शिक्षा समिति’ के सदस्य विनोद मास्टर ने कहा कि यह प्रश्न गंभीर है तथा हमारे संगठन ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में इससे पूर्व ही शिकायत प्रविष्ट की है ।’
३. केरल के भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इस राष्ट्रविरोधी पाठ्यक्रम के लिए उत्तरदायी लोगों पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है ।