भारतीय सेना और रा.स्व.संघ के संबंध में आपत्तिजनक विधान ः जेएनयू के विद्वान के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) प्रविष्ट
- जेएनयू देशद्रोहियों की निर्मिति करनेवाला अड्डा बन गया है, अनेक बार यह उजागर होने पर भी केंद्र सरकार इस विश्वविद्यालय को बंद क्यों नहीं करती, जनता को इसका उत्तर चाहिए !
- चरम सीमा का भारतद्वेष और हिन्दूद्वेष से भरे विद्यार्थियोंवाले ऐसे विश्वविद्यालय को चालू रखना क्या भावी आतंकवादियों को पनाह देना नहीं है ?
नई देहली – भारतीय सेना और रा.स्व.संघ के संबंध में आपत्तिजनक विधान करनेवाले विद्वान के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) प्रविष्ट की गई है । उसका नाम साजिद बिन सईद है तथा वह कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया का अध्यक्ष है ।
An FIR was lodged against a #JNU student over his controversial tweet on #Kashmir and for allegedly "promoting hate" against the Indian Army.
(@arvindojha)https://t.co/hxzjmOvIys— IndiaToday (@IndiaToday) July 25, 2020
साजिद ने ट्वीट में कहा है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कहने पर ही भारतीय सेना कश्मीरियों का नरसंहार कर रही है । भाजपा सरकार को उनकी प्रांतीय लालसा पर नियंत्रण रखना चाहिए और कश्मीरी नागरिकों को स्वयं निर्णय लेने के अधिकार के संबंध में संयुक्त राष्ट्रों द्वारा प्रस्तुत भूमिका स्वीकारनी चाहिए । कश्मीरप्रश्न पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाआें द्वारा हस्तक्षेप करने का यही उचित समय है । (पाक की भी कश्मीर के संबंध में ठीक यही भूमिका है । पाक की भाषा बोलनेवाले विद्वान बनानेवाले विश्वविद्यालय पर क्या सरकार अब प्रतिबंध लगाएगी ? – संपादक)