नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को चीन द्वारा करोडों रुपए की घूस दी जाती है ! – ‘ग्लोबल वॉच एनालिसिस’ के ब्यौरे में दावा
स्विस बैंक में ४१ करोड ३४ लाख रुपए होने का भी किया दावा
- ‘ओली निरंतर चीन का पक्ष लेकर भारत का विरोध क्यों कर रहे हैं ?’, यह इससे स्पष्ट होता है । नेपाली हिन्दुआें को ऐसे भ्रष्टाचारी राज्यकर्ताआें को सत्ता से हटा देना चाहिए !
- विश्व को ‘वामपंथ’की शिक्षा देनेवाले वामपंथी (कम्युनिस्ट) विचारधारावाले राज्यकर्ता भी दूसरों की भांति भ्रष्ट होते हैं, इसे ध्यान में लें !
न्यूयॉर्क (अमेरिका) – ‘ग्लोबल वॉच एनालिसिस’ संगठन के ब्यौरे में नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को चीन की ओर से करोडों रुपए की घूस दी जाती है’, यह दावा किया गया है ।
इस ब्यौरे में आगे कहा गया है कि
१. विगत कुछ वर्षों में ओली की संपत्ति तीव्र गति से बढती जा रही है । उन्होंने अन्य देशों में भी भारी मात्रा में संपत्ति खरीदी है । उसके लिए भी चीन से ही पैसे खर्च किए गए हैं । उसके बदले में ओली ने नेपाल में चीन के अनेक व्यापारी योजनाआें को अपने हाथ-पैर फैलाने की अनुमति दी है ।
२. स्विट्जर्लैंड की राजधानी जिनेवा के मिराबॉड बैंक के खाते में ओली के नाम से दीर्घकालीन आवर्ति जमा एवं ‘शेयर्स’ के रूप में लगभग ४१ करोड ३४ लाख रुपए जमा हैं । ओली तथा उनकी पत्नी राधिका शाक्य को इसके बदले में प्रतिवर्ष १ करोड ८७ लाख रुपए का लाभ भी मिलता है ।
३. ओली ने वर्ष २०१५-१६ के अपने पहले कार्यकाल में कंबोडिया के दूरसंचार क्षेत्र में निवेश किया था । उस समय नेपाल के तत्कालीन राजदूत वू चुन्टाई ने उनकी सहायता की थी । ओली के निकटवर्ती उद्योगपति अंग शेरिंग शेरपा की इस अनुबंध में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी । इस लेन-देन में कंबोडिया के प्रधानमंत्री हूं सेन तथा चीन के कूटनीतिज्ञ बो जियांगेयो ने भी उनकी सहायता की थी ।
४. वर्ष २०१८ में ओली ने नियमों को ताक पर बिठाकर ‘डिजिटल एक्शन रूम’ बनाने का ठेका चीनी प्रतिष्ठान ‘हुवावे’ को दिया ।
५. मई २०१९ में नेपाल दूरसंचार विभाग ने हांगकांग स्थित चीनी प्रतिष्ठान के साथ ‘रेडियो एक्सेस नेटवर्क’ खडा करने का अनुबंध किया । इस वर्ष नेपाल ने ‘४ जी’ नेटवर्क स्थापित करने हेतु चीनी प्रतिष्ठान ‘जेड्टीई’ के साथ अनुबंध किया है ।
चीन से खरीदे गए कोरोना परीक्षण के उपकरणों की खरीद में ओली सरकार द्वारा ६२१ करोड रुपए का भ्रष्टाचार
जून के महीने में नेपाल ने कोरोना परीक्षण हेतु चीन से ६२१ करोड रुपए के ‘प्रोटेक्टिव गियर्स’ तथा अन्य उपकरण खरीदे । इनमें से अधिकांश उपकरण निकृष्ट गुणवत्तावाले थे, साथ ही उनका मूल्य भी अधिक था । इस खरीद में घोटाला होने का आरोप लगाते हुए नेपाल के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए थे । इस प्रकरण में स्वास्थ्यमंत्री एवं ओली की निकटतम सलाहकार की जांच चल रही है ।