विशाखापट्टनम् में १२३ धर्मांतरित ईसाईयों को हिन्दू धर्म में पुनर्प्रवेश
‘श्री साईदत्त मानसा पीठम् ’और ‘ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउउंडेशन’ के प्रयत्नों को सफलता
- गत १ सहस्र २०० वर्षों में जिन हिन्दुआें का बलपूर्वक अथवा प्रलोभन देकर धर्मांतरण किया गया है और उनकी वर्तमान पीढी को पुनः हिन्दू धर्म में आना हो, उनके लिए केंद्र विशेष कानून बनाए, ऐसा हिन्दुआें को लगता है । इस कानून द्वारा घरवापसी करनेवालों को सुरक्षा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं ।
विशाखापट्टनम् (आंध्र प्रदेश) – श्री साई दत्ता स्वामीजी के नेतृत्व में १२३ धर्मांतरित ईसाईयों ने मूल हिन्दू धर्म में पुनर्प्रवेश कर लिया है । ‘ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन’ की (जी.एच.एच.एफ. की) अगुवाई में १२ जुलाई को एक कार्यक्रम में शुद्धीकरण की विधि संपन्न हुई । हिन्दू धर्म में आए हुए प्रत्येक व्यक्ति को श्रीराम पट्टाभिषेकम् का चित्र, घर के सामने लगाने के लिए हनुमानध्वज, प्रवेश द्वार पर लगाने के लिए ॐ, गले में पहनने के लिए रुद्राक्ष की माला, कनकनामा, विभूति, अंजनेय यंत्र, श्रीमद़्भगवद़्गीता, धोती, साडी, बच्चों के लिए कपडे, बहियां, हलदी, कुमकुम और अन्य वस्तुएं दी गईं ।
‘श्री साईदत्त मानसा पीठम्’ और ‘ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन’ के संयुक्त तत्त्वावधान में २ मास से अधिक काल से इस घरवापसी के कार्यक्रम का आयोजन करने की योजना बनाई जा रही थी । श्री साई दत्ता स्वामीजी ने अनेक गांवों में जाकर धर्मांतरित ईसाईयों को हिन्दू संस्कृति की समृद्धता के संबंध में बताया । हिन्दू उनकी आर्थिक परिस्थिति, स्वास्थ्य से संबंधित सूत्र, हिन्दू धर्मग्रंथों का अन्यों द्वारा किया गया अनुचित विवेचन आदि कारणों से फंसकर ईसाई बन गए थे । (हिन्दू धर्मांतरण क्यों करते हैं ?, यही इससे ध्यान में आता है । इसलिए हिन्दुआें का होनेवाला धर्मांतरण रोकने के लिए हिन्दुआें को धर्मशिक्षा देना कितना आवश्यक है, इसका महत्व भी स्पष्ट होता है ! अब पुनर्प्रवेश किए हुए हिन्दुआें को इन संगठनों द्वारा धर्मशिक्षा दी जानी चाहिए ! – संपादक)