सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया
फोंडा (गोवा) – गुरु-शिष्य परंपरा भारतभूमि की विशेषता है । जब-जब धर्म को ग्लानि आई है, तब-तब गुरु-शिष्य परंपरा ने धर्मसंस्थापना का कार्य किया है । वर्तमान संकटकाल में समाज को दिशा दिखाने के लिए सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति कटिबद्ध हैं । इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण प्रतिवर्ष के समान गुरुपूर्णिमा महोत्सव नहीं मना पाए । तब भी सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘ऑनलाइन’ पद्धति से गुरुपूर्णिमा मनाई गई । यह महोत्सव मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी, बांग्ला, ओडिया, तेलुगु, कन्नड, तमिल और मलयालम आदि ११ भाषाआें में ५ जुलाई को सायंकाल भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । ‘फेसबुक’ और ‘यू ट्यूब’ प्रणालियों द्वारा गुरुपूर्णिमा महोत्सव का प्रसारण किया गया । सहस्रों जिज्ञासुआें ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीव्यास महर्षि और सनातन संस्था के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराज की प्रतिमाआें का पूजन किया गया । गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश पढा गया । उसके पश्चात साधना के विषय में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन का ‘वीडियोे’ दिखाया गया । कार्यक्रम के अंत में ‘भावी आपातकाल में हिन्दुआें का कर्तव्य और धर्माधारित ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए किए जानेवाले प्रयत्नों की दिशा’ विषय पर मार्गदर्शन किया गया । ‘कोरोना महामारी और उसके उपरांत उत्पन्न युद्धसदृश परिस्थिति आपातकाल के लक्षण हैं । अनेक संतों और भविष्यवेत्ताआें ने बताया है कि वर्ष २०२० से २०२३ तक संकटकाल रहेगा । उससे सुरक्षित बाहर निकलने के लिए साधना का बल ही आवश्यक है । वर्ष २०२३ में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने ही वाली है । इस कार्य में योगदान देना ही खरी गुरुदक्षिणा होगी’, इस अवसर पर ऐसा मार्गदर्शन किया गया ।
रामनाथी (गोवा) स्थित सनातन के आश्रम में
श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के करकमलों से गुरुपूजन !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की ‘आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी’ श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने सनातन के रामनाथी (गोवा) आश्रम में अत्यंत भावपूर्ण वातावरण में सप्तर्षि की आज्ञा से परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की प्रतिमा का पूजन किया । ६२ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर के सनातन पुरोहित पाठशाला के संचालक श्री. दामोदर वझे गुरुजी ने गुरुपूजन की विधि का पौरोहित्य किया । यद्यपि आपातकाल में प्रत्यक्ष गुरुपूर्णिमा उत्सव नहीं मना पाए, तथापि श्री गुरुदेव द्वारा की जा रही अनन्य कृपा के प्रति साधकों ने मन ही मन भावपूर्ण कृतज्ञता व्यक्त की । कोरोना की पृष्ठभूमि पर सुरक्षा की दृष्टि से दी गई सूचनाआें का पालन कर यह गुरुपूजन किया गया ।
सनातन के ग्रंथ का लोकार्पण
इस अवसर पर श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के करकमलों से सनातन के मराठी ग्रंथ ‘धर्मकार्यासाठी जाहिराती आदी अर्पण मिळवणे, ही समष्टी साधना !’ का लोकार्पण किया गया । इस समय ग्रंथ की सहसंकलनकर्ता श्रीमती स्मिता नवलकर भी उपस्थित थीं ।
स्पिरिच्युअल साइंस रिसर्च फाउंडेशन द्वारा पूरे संसार में भावपूर्ण वातावरण में गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाया गया !
मुंबई – स्पिरिच्युअल साइंस रिसर्च फाउंडेशन द्वारा (एसएसआरएफ) विदेश में ८ स्थानों पर गुरुपूर्णिमा उत्सव भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया । कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर कुछ स्थानों पर ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सवों का आयोजन किया गया था । ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रिया में प्रत्येक १, अमेरिका में २ तथा अन्य देशों में ३, इस प्रकार ८ स्थानों पर गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाया गया ।
इंदौर (म.प्र.) में प.पू. भक्तराज महाराजजी के
‘भक्तवात्सल्याश्रम’ में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा मनाई गई
इंदौर (मध्य प्रदेश) – कोरोना संकट के कारण यातायात बंदी के नियम का पालन कर यहां के प.पू. भक्तराज महाराजजी (बाबा) के ‘भक्तवात्सल्याश्रम’ में ‘श्री सद़्गुरु अनंतानंद साईश शैक्षणिक एवं पारमार्थिक सेवा ट्रस्ट’ द्वारा ५ जुलाई के दिन भावपूर्ण वातावरण में प.पू. अनंतानंद साईशजी, प.पू. भक्तराज महाराजजी और प.पू. रामानंद महाराजजी की ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा मनाई गई । इसका प्रसारण ‘यू ट्यूब’ द्वारा किया गया । इसका लाभ प.पू. भक्तराज महाराजजी (बाबा) के भक्तों ने लिया । सर्वप्रथम सवेरे श्री सत्यनारायण पूजन, स्तवन मंजिरी, प.पू. रामानंद बावनी पाठ और ‘हरि ॐ तत्सत’ की एक माला जप किया गया । उसके उपरांत श्रीगुरु की पादुकांआें का रुद्राभिषेक, पूजन एवं आरती की गई ।