(कहते हैं) ‘तिब्बत चीन का आंतरिक मुद्दा है, भारत इसपर ध्यान ना दे !’ – चीन की भारत को धमकी

  • पाक अधिकृत कश्मीर में सडक और बांध का निर्माण करनेवाले चीन को भारत को उसी की भाषा में चेतावनी देनी चाहिए !
  • चीन ने तिब्बत को हडप लिया है तथा वह तिब्बत के लोगोंपर अमानुषिक अत्याचार कर रहा है, यह वास्तविकता है । भारत इस बात को यदि वैश्विक स्तरपर बताकर उसके विरुद्ध अन्य देशों को संगठित करता हो, तो वह उसका अधिकार ही है । अतः भारत को चीन की इन धमकियों को भीख नहीं देनी चाहिए !

बीजिंग (चीन) – चीन का सरकारी समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय लेख में यह चेतावनी दी गई है कि भारत में कुछ लोग और प्रसार माध्यम यह विचार कर रहे हैं कि जब भारत और चीन के मध्य तनाव उत्पन्न होता है, तब भारत को तिब्बत का विषय उठाना चाहिए । उससे भारत को लाभ मिलेगा; परंतु यह विचार करना, तो एक भ्रम है । तिब्बत चीन का आंतरिक मुद्दा है; इसलिए भारत को इसमें ध्यान नहीं देना चाहिए । इस लेख में यह भी कहा गया है कि तिब्बत का मुद्दा हाथ में लेने का विचार कुछ भारतीयों की कल्पनाशक्ति का दर्शक है । वास्तव में इसका कोई महत्त्व नहीं है ।

इस लेख में आगे कहा गया है कि कुछ चीन विरोधी शक्तियां तिब्बत के मुद्दे का उपयोग कर चीन की ‘वन चाईना पॉलिसी’ के विरुद्ध भडकाने का काम कर रही हैं; परंतु वास्तविकता इससे अलग है । विगत कुछ वर्ष में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में तुलनात्मक दृष्टि से तीव्रगति से विकास हुआ है । यहां एक स्थिर वातावरण बनाने की दिशा में यह एक अच्छा प्रयास है । इसके कारण चीन और भारत के संबंध और अच्छे होगे । हम इसके प्रति आशान्वित हैं कि भारत तिब्बत से सटे उसके राज्यों की स्थिति अच्छी बनाने के लिए प्रयास करेगा । (अपनी आसुरी विस्तारवादी नीति के कारण विश्‍व का वातावरण दूषित करनेवाले चीन के मुफ्त के बोल ! – संपादक)