आक्रमण में मारे गए अनुमंडल पुलिस अधिकारी ने ८ बार किया था थानाध्यक्ष विनय तिवारी के निलंबित का अनुरोध !
कानपुर के गुंडे विकास दुबे को पुलिसकर्मियोंपर आक्रमण करने के लिए तिवारी द्वारा सहायता किए जाने का प्रकरण
- किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचारी पुलिसकर्मी को हटाने का ८ बार अनुरोध करनेपर भी उसकी उपेक्षा करनेवाले पुलिस विभाग में सामान्य नागरिक की बात कोई सुनता होगा ?
- इस घटना की व्यापक जांच कर संबंधित पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर उसे फांसी का दंड मिलने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रयास करने चाहिए !
कानपुर (उत्तर प्रदेश) – यहां कुछ दिन पूर्व गुंडे विकास दुबे के गिरोह द्वारा की गई गोलाबारी में ८ पुलिसकर्मी मारे गए थे । ‘चौबेपुर पुलिस थाने का थानाध्यक्ष विनय तिवारी ही गुंडे विकास दुबे की सहायता कर रहा था’, यह बात अब सामने आने से उसके विरुद्ध प्राथमिकी प्रविष्ट कर निलंबित किया गया है । इस घटना में मारे गए अनुमंडल पुलिस अधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने इसके पूर्व ही विनय तिवारी के भ्रष्टाचारी होने का ब्यौरा पुलिस अधीक्षक को भेजा था, यह बात सामने आई है । ‘विनय तिवारी जुए का व्यवसाय करनेवालों को संरक्षण दे रहा है; इसलिए उसे हटाया जाना चाहिए’, यह अनुरोध भी मिश्रा ने किया था; परंतु इसपर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई । मिश्रा ने एक बार नहीं, अपितु ८ ब्यौरे और एक विशेष ब्यौरा भेजकर तिवारी को हटाने का अनुरोध किया थी ।