चीन द्वारा नेपाल के रुई गांवपर अवैधरूप से नियंत्रण

भारतपर आरोप लगानेवाला नेपाल चीन के प्रति मौन क्यों है, यह उसे विश्‍व को नहीं, अपितु अपनी ही नेपाली जनता को बताने की आवश्यकता है । इस बात को नेपाली जनता से छिपाने के सूत्रपर नेपाली राष्ट्रवादी जनता को भी नेपाल की वामपंथी सरकार से प्रश्‍न करना चाहिए ! इस पूरी घटना को देखते हुए नेपाल सरकार चीन की भीगी बिल्ली बन गया है, यही सत्य है !

नई देहली – नेपाल ने भारत के ३ प्रदेशों को अपना बताकर स्वयं का मानचित्र ही बदल दिया है; किंतु दूसरी ओर चीन ने नेपाल से विश्‍वासघात करते हुए नेपाल के उत्तर गोरखा के रुई गांवपर अपना नियंत्रण स्थापित किया है । नेपाल की वामपंथी सरकार ने चीन के इस कुकृत्य को छिपाने हेतु ही भारत के ३ प्रदेशोंपर अपना दावा करने का सूत्र प्रस्तुत किया है । हिन्दी समाचार वाहिनी ‘न्यूज२४’ ने यह समाचार दिया है ।

१. रुई गांव में ७२ घर हैं । चीन ने यह गांव उसका है, यह दिखाने हेतु यहां की सीमापर स्थित नेपाल के स्तंभों को हटाया है । वर्तमान में भले ही नेपाल के मानचित्र में यह गांव नेपाल में हो; परंतु वास्तव में इस गांवपर चीन ने नियंत्रण स्थापित किया है ।

२. इतिहासकार रमेश धुंगल ने बताया कि रुई और तेइगा ये दोनों गांव गोरखा जनपद के उत्तर भाग में हैं; परंतु नेपाल की निष्क्रियता के कारण ये गांव अब चीन के नियंत्रणवाले तिब्बत में अंतर्भूत हैं । अभीतक नेपाल ही यहां राजस्व एकत्रित करता था और नेपाल के पास उसकी प्रविष्टियां भी हैं ।