योग करनेवाला साधक संकटकाल में कभी अपना धैर्य नहीं गंवाता ! – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई देहली – योग करनेवाला साधक संकटकाल में कभी भी अपना धैर्य नहीं गंवाता । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ६ठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में देश को संबोधित करते हुए ऐसा वक्तव्य दिया ।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि,
१. ‘योग’ वह है, जो हमें जोडता है और हममें मध्य की दूरी को न्यून करता है ।
२. कोरोना संकटकाल में इस वर्ष का योग दिवस घरपर ही मनाया जा रहा है; इसलिए यह दिवस परिवारों में प्रेम बढानेवाला दिवस भी सिद्ध होगा । छोटे बच्चे, युवाओं, वयस्क और परिवार के वरिष्ठों के साथ एक ही समय योग के माध्यम से जुडते समय पूरे घर में ही एक ऊर्जा का संचार होता है । अतः इस वर्ष का यह योग दिवस भावनात्मक योग का भी है । यह दिवस हमारे पारिवारिक प्रेम को बढाने का भी दिवस है ।
३. कोरोना विषाणु विशेषरूप से हमारे श्वसनतंत्रपर आक्रमण करता है । इसे देखते हुए प्राणायाम के कारण हमारे श्वसनतंत्र को सशक्त बनने में सहायता मिलती है । इसलिए आप को प्रतिदिन प्राणायाम करना चाहिए, साथ ही अनुलोम-विलोम सहित अन्य प्राणायाम तंत्र भी सीख लेने चाहिए ।
४. जो व्यक्ति निरंतर एकांत में भी क्रियाशील रहता है, वही आदर्श व्यक्ति होता है । ऐसा व्यक्ति अत्यंत व्यस्त काल में भी संपूर्ण शांति का आनंद अनुभव करता है । किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक बडी क्षमता होती है और इसके लिए योग सहायक होता है । अनुकूलता-प्रतिकुलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट जैसी प्रत्येक स्थिति में ऐसा व्यक्ति अविचल रहता है और इसे ही ‘योग’ कहा जाता है ।