हथिनी की मृत्यु मुसलमान बहुल ‘मल्लपुरम् में नहीं’, अपितु हिन्दूबहुल ‘पल्लकड’ में हुई : केरल की माकपा सरकार का दुष्प्रचार
अल्पसंख्यकों का दुष्कृत्य छिपाने हेतु माकपावालों का दयनीय प्रयास !
- माकपा का निरंतर हिन्दूद्वेष तथा धर्मांधों के प्रति प्रेम दिखता आया है और अब इस प्रकरण में भी उसके द्वारा यही प्रयास किया जा रहा है ! अब आधुनिकतावादी और धर्मनिरपेक्षतावादी अपना मुंह क्यों नहीं खोलते ?
- भारत के शैक्षिक एवं ऐतिहासिक मंडलों में साम्यवादी भरे हुए हैं । इसलिए उनके द्वारा झूठा इतिहास प्रसारित किया गया । ऐसा करने के पीछे उनका दुष्टतापूर्ण उद्देश्य समझ लें ! साम्यवादी देश के लिए कितने घातक हैं, यह ध्यान में रखते हुए उन्हें कारागार में डालना आवश्यक !
नई देहली – केरल में गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरे हुए फल खिलाए गए । तत्पश्चात हुए विस्फोट में उसकी मृत्यु हो गई । तत्पश्चात केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट दल की सरकार ने यह घटना ‘मल्लपुरम्’ में नहीं, अपितु ‘पल्लकड’ में हुई, ऐसा बताने का प्रयास प्रारंभ कर दिया है । मल्लपुरम् मुसलमान बहुल परिसर है । अतः हथिनी को मारे जाने का आरोप विशिष्ट धर्मियों पर न लगे; इसके लिए अब यह घटना हिन्दूबहुल मल्लपुरम् में होने की बात बताई जा रही है ।
तत्पश्चात एक समाचार वाहिनी ने भी समाचार दिया है कि यह घटना ‘मल्लपुरम्’ के स्थान पर ‘पल्लकड’ में घटी है तथा हथिनी को पटाखों से भरे फल नहीं खिलाए गए, अपितु हथिनी ने स्वयं वह फल खाए हैं । बताया जा रहा है कि आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं, ऐसी चर्चा हो रही है । इसलिए यह वाहिनी ‘धर्म के आधार पर आरोपियों की आलोचना न हो’, इसके लिए यह प्रयास कर रही है । (अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए ऐसे समाचार देनेवाले प्रसारमाध्यम हिन्दुओं की अपकीर्ति (बदनामी) करने का एक भी अवसर नहीं छोडते, इस ओर भी ध्यान दें ! – संपादक) तो दूसरी ओर पूरे देश में राष्ट्रप्रेमी नागरिकों द्वारा इन आरोपियों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है । (७.६.२०२०)