भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का हनन होता है, ऐसा बरगलानेवाले अमेरिकी आयोग के सदस्यों का वीजा भारत सरकार ने अस्वीकार किया
कठोर निर्णय लेनेवाली भारत सरकार का अभिनंदन !
नई देहली – अमेरिका की संसद को धार्मिक स्वतंत्रता जैसे सूत्रोंपर सुझाव देनेवाली निजी संस्था ‘युनाईटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनैशनल रिलीजियस फ्रीडम’ के सदस्यों को भारत सरकार ने वीजा देना अस्वीकार किया है । विदेशमंत्री एस्. जयशंकर ने १ जून को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को लिखे गए पत्र में यह जानकारी दी गई है । इस संस्था ने अप्रैल के महीने में अमेरिका की सरकार को सुझाव देते हुए भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के स्तरपर १४ चिंताजनक देशों की सूची में डालने का सुझाव दिया था । वर्ष २००२ के गुजरात दंगों के उपरांत भी इस संस्था ने ऐसा ही सुझाव दिया था और अब भी उन्होंने वही सुझाव दिया है ।
जयशंकर ने दुबे को भेजे गए पत्र में कहा है कि ‘हमें इस आयोग से भारतीय नागरिकों की स्थिति तथा संविधान के द्वारा उन्हें प्रदान किए गए अधिकारों के संदर्भ में सुनने की आवश्यकता नहीं है । यह आयोग पहले से ही पक्षपातपूर्ण, अयोग्य प्रतिक्रियाएं व्यक्त करनेवाला और विशेषरूप से भारत की धार्मिक स्वतंत्रता के सूत्रों के संदर्भ में अयोग्य जानकारी देनेवाले आयोग के रूप में जाना जाता है । हमने उनके ब्यौरों का समय-समयपर खंडन भी किया है ।’