कपूरथला (पंजाब) में संतों के नेतृत्व में सतलज नदी पर मिट्टी के बांध का निर्माणकार्य प्रारंभ !
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बांध के कारण १०० गांव बाढ से बचेंगे
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बांध के निर्माणकार्य में सरकार से कोई सहायता नहीं
जनता को होनेवाले कष्टों पर तत्काल उपाययोजना न करनेवाली कांग्रेस सरकार किस काम की ? इस कारण संतों को आगे आने हेतु बाध्य होना पडता है, यह कांग्रेस सरकार के लिए लज्जाजनक !
कपूरथला (पंजाब) – यहां के पर्यावरण प्रेमी पद्मश्री संत बलबीर सीचेवाल के नेतृत्व में सतलज नदीपर १२ फुट ऊंचा और ३५ फुट चौडा मिट्टी का बांध बनाया जा रहा है । लोगों के सहयोग से यह कार्य जनवरी से प्रारंभ हो गया है । इसके लिए प्रतिदिन २ लाख रुपए खर्च हो रहे हैं तथा यह खर्च अर्पण निधि से किया जा रहा है । विदेश में रहनेवाले भारतीयों से भी अर्पण मिल रहा है । इस कार्य में सरकार की कोई सहायता नहीं मिल रही है । इसलिए यह एक अलग ही उदाहरण सामने आ रहा है ।
१. वर्ष १९१२ में गिदडपिंडी गांव में इस नदी पर रेलवे पुल का निर्माण किया गया था । इस पुल के खंभे के पास बडी मात्रा में कचरा और मिट्टी एकत्रित होने के कारण वर्षा के समय नदी का पानी रुक जाता है तथा वह पानी गांव में घुस जाता है । इसके कारण गत वर्ष १०० गांवों में पानी घुसने के कारण बाढ आ गई थी । हर बार किसानों की फसलों को भी हानि होती है । इसलिए गांववालों ने संत बलबीर सीचेवाल के नेतृत्व में बांध का निर्माण कार्य प्रारंभ किया है ।
२. पुल के खंभे के पास एकत्रित कचरा और मिट्टी निकालकर उसका उपयोग बांध के निर्माणकार्य के लिए किया जा रहा है । इसके लिए ट्रैक्टर ट्रॉली, जेसीबी मशीन, क्रेन आदि का उपयोग किया जा रहा है । यातायात बंदी के नियमों का पालन कर यह कार्य किया जा रहा है ।
सरकारी उदासीनता !
पंजाब सरकार के सीवरेज विभाग ने रेलवे पुल के नीचे एकत्रित कचरा और मिट्टी हटाने के लिए १७ करोड रुपयों की योजना बनाई थी; परंतु वह अभी तक कागदों पर ही है ।