कोरोना विषाणु के प्रसार से उत्पन्न आपातकाल में भी आध्यात्मिक बल बढाने के लिए संपूर्ण विश्‍व के जिज्ञासुओं के लिए लाभदायक बना एस.एस.आर.एफ. का ऑनलाइन कार्यक्रम

सद्गुरु (श्री.) सिरियाक वाले

१. ऑनलाइन सामूहिक नामजप

     कोरोना के भयंकर महामारीकाल में आध्यात्मिक बल बढाने के लिए एस.एस.आर.एफ. ने ऑनलाइन सामूहिक नामजप के एक-एक घंटे के ३ सत्र आयोजित किए थे । इस नामजप सत्संग में ४०० से ५०० लोग सम्मिलित हुए थे । इनमें, लगभग २०० लोग इस सत्संग में पूरा समय तथा शेष कुछ समय उपस्थित रहे । दक्षिण अमेरिका, अमेरिका, कैनडा, यूरोप और एशिया पैसिफिक, इन अनेक स्थानों से एस.एस.आर.एफ. के १२० साधक ऑनलाइन नामजप सत्संगों में सम्मिलित हुए थे । उस समय उनका नामजप अच्छा हुआ और अनेक अनुभूतियां हुईं, यह बात उन्होंने बताई । कुछ उपस्थित जिज्ञासुओं ने पूछा कि क्या ऐसे नामजप सत्संग प्रतिदिन आयोजित कर सकते हैं ? यह ऑनलाइन नामजप आयोजन समाप्त होने पर उसका वीडियो यू-ट्यूब पर रखा गया । इससे एक सप्ताह में यू-ट्यूब देखनेवालों की संख्या दुगुनी हो गई तथा एस.एस.आर.एफ. फेसबुक देखनेवालों की संख्या १ सहस्र हो गई ।

२. अन्य ऑनलाइन कार्यक्रम

     २२ मार्च से एस.एस.आर.एफ. के अन्य ऑनलाइन कार्यक्रम भी आरंभ हुए हैं । उनमें १ घंटा प्रवचन, १ घंटा प्रश्‍नोत्तर, ७५ से ९० मिनट निःशुल्क कार्यशाला तथा महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय की ओर से ३ रविवार को ३ घंटे होनेवाले कार्यक्रमों का भी समावेश है । इनमें अनेक ऑनलाइन कार्यक्रमों में ५० से १०० लोग उपस्थित रहते हैं । कार्यक्रम के पश्‍चात अनेक जिज्ञासु इन कार्यक्रमों की वीडियो देखते हैं । इससे दर्शकसंख्या २५० से १० सहस्र तक बढ जाती है । अनेक नए जिज्ञासु ऐसे होते हैं, जो अधिकतर कार्यक्रमों में उपस्थित रहते हैं । हम उन्हें साधना करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ।

     अंग्रेजी भाषा में सद्गुरु सिरियाक वाले और पू. (श्रीमती) भावना शिंदे, स्पैनिश भाषा में पू. देयान ग्लेश्चिच और श्रीमती मायासम नाहस, सर्बो-क्रोएशियन भाषा में पू. देयान ग्लेश्चिच, श्री. व्लादिमिर चिरकाविच, इंडोनेशियन भाषा में पू. रेन्डी इकारांतियो; फ्रेंच और जर्मन भाषा में श्री. गियोम ऑलिविए, लवनिता डूर् तथा गेर्लिंडे दोम्ब्रोवस्की; रशियन भाषा में आंद्रे किस्लोवस्की और अनुशिया कार्यक्रम करते हैं । इनमें कुछ कार्यक्रम इटालियन भाषा में श्री. लोरेन्जो रवासी एवं श्रीमती द्रगाना किस्लोवस्की करते हैं ।

     महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय की ओर से कार्यशाला अंग्रेजी के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में भी आयोजित की जाती है । इसके लिए एक संत और एक साधक की जोडी बनाई गई है; उदा. सद्गुरु सिरियाक वाले और श्री. विन्सेंट मलहेर्बे; पू. (श्रीमती) भावना शिंदे और श्रीमती क्रिस्टन हार्डी ।

     सद्गुरु सिरियाक वाले और पू. (श्रीमती) भावना शिंदे को अमेरिका के विश्‍वविद्यालयों में तथा रशिया की आध्यात्मिक प्रदर्शनियों (फेयर्स) में विषय ऑनलाइन प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया जाता है ।

     पहले जब कोई प्रवचन किया जाता था, तब अथवा कार्यशाला में विषय पर बोलते समय संत और साधक पॉवरपॉईंट की सहायता से जिज्ञासुओं तक अधिकाधिक जानकारी पहुंचाते थे; परंतु अब वे स्वयं पूरा विषय प्रस्तुत कर जिज्ञासुओं से अधिकाधिक संवाद करते हैं । इसलिए श्री. शॉन क्लार्क और श्रीमती श्‍वेता क्लार्क विषय से संबंधित जानकारी लिपिबद्ध कर हमारे पास तुरंत भेज पाते हैं तथा ये दोनों एस.एस.आर.एफ. के जालस्थल के लिए विविध लेख भी लिखते हैं, जिससे ऑनलाइन कार्यक्रम देखनेवाले जिज्ञासुओं को एस.एस.आर.एफ. के जालस्थल देखने के लिए आग्रह किया जा सके । इससे जिज्ञासुओं को अध्यात्म के विषय में अधिक जानकारी मिलेगी और वे एस.एस.आर.एफ. की ओर से आयोजित होनेवाले सत्संगों में भी उपस्थित रह सकेंगे ।

– (सद्गुरु) श्री. सिरियाक वाले और (पू.) श्रीमती भावना शिंदे (१४.४.२०२०)