बांग्लादेश में धर्मांधों द्वारा ३० हिन्दू परिवारोंपर किए गए आक्रमण में २५ हिन्दू घायल
- चाहे भारत हो अथवा बांग्लादेश, धर्मांधों द्वारा हिन्दुओंपर आक्रमण होते हैं और प्रशासनकर्ता इसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करते अथवा हिन्दुओं की रक्षा नहीं करता । हिन्दुओं का यही अनुभव रहा है !
- भारतीय प्रसारमाध्यम इस्लामी देशों में हिन्दुओंपर होनेवाले ऐसे आक्रमणों के समाचारों को सदैव ही दबा देता है । उसी प्रकार से यह भी समाचार दबाया गया, इसे ध्यान में रखें !
- भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होनेवाले कथित अत्याचारों के लिए तुरंत ब्यौरा तैयार करनेवाला अंतरराष्ट्रीय आयोग बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुओंपर हो रहे अत्याचारों की सदैव ही उपेक्षा क्यों करता है ?
ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश के चित्तगांव जनपद में स्थित शुक्लदेश पारा में ७० से ८० लोगों की सशस्त्र भीड ने कुछ दिन पूर्व यहां रहनेवाले ३० हिन्दू परिवारोंपर प्राणघाती आक्रमण किया । इसमें लगभग २५ महिलाएं, पुरुष, वयस्क और बच्चे गंभीररूप से घायल हुए हैं । उन्हें स्थानीय, साथ ही चित्तगांव के चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है । स्थानीय लोगों का यह कहना है कि यह आक्रमण २ राजनीतिक दलों के मध्य झगडे के कारण हुआ है ।
इस क्षेत्र में किस राजनीतिक दल का वर्चस्व होना चाहिए ?, इस विषयपर २ राजनीतिक दलों में झगडे चल रहे हैं । उसी के फलस्वरूप यहां के हिन्दुओंपर यह प्राणघाती आक्रमण किए गया है, ऐसा बताया जा रहा है । इस आक्रमण का नेतृत्व एक स्थानीय वर्चस्ववाले राजनीतिक दलों के ४-५ जिहादियों ने किया । इस प्रकरण में पुलिस थाने में शिकायत प्रविष्ट की गई है । इस घटना के कारण यहां के हिन्दुओं में भय का वातावरण है । यहां के हिन्दुओं ने इस घटना की निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है ।