तेल्हारा (अकोला) में श्री बालाजी संस्थान की भूमि की गई हेराफेरी उजागर !
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अकोला (महाराष्ट्र) – यह बात प्रकाश में आई है कि जिले के तेल्हारा में स्थित श्री बालाजी मंदिर संस्थान की करोडों रुपये की कृषि भूमि को न्यासियों ने राजस्व विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की सहायता से अवैध रूप से अधिग्रहित कर लिया है। दयाराम शिरसाट, उदयजी महा; उस समय महाराष्ट्र मंदिर महासंघ अमरावती के जिला संयोजक विनीत पखोडे, महासंघ की राज्य केंद्री समिति के पदाधिकारी अधिवक्ता अनुप जयसवाल, महासंघ के विदर्भ संयोजक श्रीकांत पिसोलकर उपस्थित थे ।
🚨 Temple Land Scam Exposed! 🚨
Maharashtra Mandir Mahasangh reveals shocking misappropriation of Shri Balaji Sansthan’s land in Telhara (Akola) 🕉️
Investigation uncovers collusion between trustees and revenue officials, leading to temple land worth ₹30 crore being sold for a… pic.twitter.com/FPSxBGDX43
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 18, 2024
प्रेस वार्ता में कहा गया कि मौजे तेल्हारा बु. (तेल्हारा, जिला अकोला) इस भूमि का मूल्य लगभग ३० करोड रुपये है; किन्तु १० सहस्त्र रुपए में न्यास के विश्वस्तों सुरेश दायमा, कांताप्रसाद दायमा और हेमंत दायमा ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से यह भूमि अपने नाम कर ली। (उनसे हड़पा हुआ धन वापस लिया जाना चाहिए ! – संपादक) सर्वोच्च न्यायालय के वाद, ए.ए. गोपालकृष्णन बनाम कोचीन देवास्वम बोर्ड प्रकरण के निर्णय के अनुसार धार्मिक स्थलों की भूमि की सुरक्षा का उत्तरदायित्व सरकार, न्यायालयों और मंदिर न्यास की है। श्री बालाजी संस्थान की भूमि के प्रकरण में इस नियम का पालन नहीं किया गया।
कदाचार का विवरण
१. कानून के प्रावधानों का उल्लंघन !
अ. कुळ कानून से बद्ध कृषि भूमि का क्रय आदेश देने से पहले ही, अकोट के तत्कालीन उपविभागीय अधिकारी आर.एन. घेवंदे ने न्यास को कृषि भूमि बेचने की अनुमति दी।
आ. न्यास के सदस्यों का अवैध रूप से नगर पालिका परिषद सीमा के भीतर कृषि भूमि क्रय करने का आदेश दिया गया था, यद्यपि भूमि पर कुळ कायदा नगरपालिका परिषद सीमा के भीतर लागू नहीं होता था।
इ. तत्कालीन तेल्हारा तहसीलदार राजेंद्र खंदारे ने प्रकरण के विवरण की पुष्टि किए बिना भूमि क्रय करने आदेश दिया।
ई. पटवारी और मंडल के अधिकारियों ने भी कुळ कानून के कागज देखे के बिना पट्टे में बदलाव किया।
२. न्यास के विश्वस्तों ने धोखा-धडी की
अ. संस्थान की भूमि का उपयोग कृषि के लिए नहीं बल्कि अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है और इसके लिए कोई अनुमति भी नहीं ली गई है।
आ.मंदिर की भूमि की रक्षा करने का कर्तव्य होते हुए विश्वस्तों ने उस पर कब्जा कर लिया ।
Maharashtra Mandir Mahasangh and Hindu Janajagruti Samiti Pressnote
Maharashtra Mandir Mahasangh and Hindu Janajagruti Samiti to jointly honor the devout Hindu representatives who achieved historic victory at a ceremony in Nagpur on December 19, in the presence of saints and… pic.twitter.com/0lRrqV0HfR
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) December 17, 2024
महाराष्ट्र मंदिर संघ ने की कार्रवाई की मांग !‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के प्रदेश केंद्रीय समिति के पदाधिकारी श्री. अनुप जयसवाल एवं जिला समन्वयक श्री. मामले में विनीत पखोडे ने गैरकानूनी कृत्यों के विरोध में आरोप प्रविष्ट कराये । अमरावती के संभागीय आयुक्त और अकोला के जिलाध्यक्ष ने संबंधित राजस्व अधिकारियों से जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। दोषी मंदिर विश्वस्तों को निलंबित करने और उनके विरुदध कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए धर्मादाय आयुक्त कार्यालय आरोप प्रविष्ट कराये हैं । संस्थान के भक्त सर्वश्री कैलास रत्नपारखी, दयाराम वीरघाट, मनोहर मिरगे, सेवकराम भारसाकळे, सुधाकर गावंडे, श्रीराम असवार ने भी विश्वस्तों को निलंबित करने की मांग की। |
संपादकीय भूमिकाधार्मिक स्थलों के संबंध में ऐसा न हो इसलिए, मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त किया जाए। |