Prayagraj Kumbh Mela 2025 : ‘इलाहाबाद’ का ‘प्रयागराज’ नाम होने पर प्रथम बार होनेवाला महाकुंभमेला !
प्रयागराज कुंभमेला २०२५
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), १७ दिसंबर (वार्ता) – ‘इलाहाबाद’ नगर का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ होने के पश्चात इस समय का अर्थात १३ जनवरी २०२५ से होनेवाला यह प्रथम महाकुंभमेला है । ‘इलाहाबाद’ नगर का नाम बदलकर उसे प्रयागराज करने का निर्णय उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने १६ अक्तूबर, २०१८ को लिया । वर्ष २०१९ में प्रयागराज में अर्धकुंभमेला (प्रत्येक ६ वर्ष से होनेवाला कुंभमेला) हुआ था; परंतु इस समय का कुंभमेला १२ वर्षों से आनेवाला बडा कुंभमेला है । प्रशासन का अनुमान है कि इस समय के महाकुंभमेले में लगभग ४० करोड भक्त आएंगे ।
The first #Mahakumbh Mela since ‘Allahabad’ was renamed ‘Prayagraj’!
– A symbol of slavery erased after 443 years!Why is this #KumbhMela being called a ‘Mahakumbh Mela’?
– The full Kumbh Mela occurs every 12 years in Prayagraj.
– After 12 such cycles, the following Kumbh is… pic.twitter.com/qb9fOWDzRq
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 17, 2024
४४३ वर्षों के पश्चात दास्यता का प्रतीक नष्ट हुआ !
प्राचीन काल से प्रयागराज का नाम ‘प्रयाग’ था । सामान्यत: वर्ष १५७५ में मुगल शासक अकबर ने ‘प्रयाग’ नाम बदलकर ‘इलाहाबाद’ किया । तबसे वह ‘इलाहाबाद’ ही था । देश स्वतंत्र होने पर भी उसमे परिवर्तन नहीं किया गया । वर्ष २०१७ में प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ तथा गोरखपुर मठ के महंत योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री बने । तत्पश्चात केवल एक वर्ष में अर्थत १६ अक्तूबर, २०१८ को ‘इलाहाबाद’ नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ किया । ४४३ वर्षों के पश्चात दास्यता का प्रतीक नष्ट हुआ । इसलिए संपूर्ण देश के साधु-संताें के साथ सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन तथा भक्तोें ने समाधान व्यक्त किया । इसके पश्चात प्रथम बार ही महाकुंभमेला हो रहा है । इसलिए साधु-संत तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंं के साथ भक्तों में उत्साह का वातावरण उत्पन्न हो गया है ।
इस समय का कुंभमेला ‘महाकुंभमेला’ क्यों कहा जा रहा है ?
प्रयागराज में प्रत्येक १२ वर्ष उपरांत पूर्ण कुंभमेले का आयोजन किया जाता है । इससे पूर्व वर्ष २०१३ में पूर्ण कुंभमेले का आयोजन किया गया था । इस प्रकार १२ बडे कुंभमेले पूर्ण होने पर जो कुंभमेला आता है, उसे ‘महाकुंभमेला’ कहते हैं । ऐसा योग प्रयागराज में १४४ वर्षों के उपरांत आ रहा है । इसलिए इस समय के कुंभमेले को ‘महाकुंभमेला’ कहा जा रहा है । इस दृष्टि से योगी सरकार तथा प्रशासन ने इस समय का कुंभमेला भव्य-दिव्य करने हेतु कंमर कसी है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो भक्तों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि ‘इस समय का कुंभमेला इतना भव्य-दिव्य करेंगे कि इससे पूर्व के सभी कुंभमेलों का विस्मरण हो जाएगा ।’
केंद्र सरकार द्वारा रेलेवे टिकट पर लगाया अतिरिक्त शुल्क हटाने के पश्चात यह पहला बडा कुंभमेला !
प्रयागराज का महाकुंभमेला रेलवे टिकट पर लगाया अतिरिक्त शुल्क (अधिक शुल्क) हटाने के पश्चात प्रथम बडा कुंभमेला है । इसलिए हिन्दुओं को इस समय के कुंभमेले में आने हेतु अधिक शुल्क नहीं देना होगा । १२ दिसंबर, २०१८ को केंद्र सरकार ने रेलेवे टिकट पर लगाया अधिभार निरस्त कर करोड़ों हिन्दुओं को दिलासा दिया था । इससे पूर्व रेलवे विभाग द्वारा प्रत्येक कुंभमेले में अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता था । इसलिए कुंभमेले में आने हेतु हिन्दुओं को रेलवे के सदैव के किराए की अपेक्षा अधिक किराया देना पडता था । इसके विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति ने वर्ष २०१५ में नासिक में हुए पूर्ण कुंभमेले के समय बडा आंदोलन किया था ।