Hapur Ghar Wapasi : हापूड (उत्तर प्रदेश) में ४५ मुसलमान परिवारों ने सनातन धर्म स्वीकारा !
हापूड (उत्तर प्रदेश) – यहां सलमान खान एवं उनके वंशजों के ४५ परिवारों ने इस्लाम छोडकर सनातन धर्म को स्वीकार किया है । धर्मपरिवर्तन के उपरांत सलमान खान ने अपना नाम परिवर्तित कर संसार सिंह रखा है । साथ ही दादाजी का नाम श्यामलाल सिंह रखा है । दादाजी की मृत्यु के पश्चात ब्रजघाट में हिन्दू परंपरा के अनुसार उनके शव का अंतिम संस्कार किया गया । तदनंतर उनका अस्थिकलश विसर्जित किया गया एवं उन्होंने (संसार सिंह ने) पहली बार गंगाजी में स्नान कर स्वयं को शुद्ध बनाकर सनातन धर्म का स्वीकार किया । उन्हें अपना ‘गोत्र’ ज्ञात न होने से वे भगवान शिव एवं माता पार्वती के नामपर गौरीशंकर गोत्र धारण कर घर वापस गए ।
संसार सिंह ने कहा ‘‘अब देश के हिन्दुओं का हित सुरक्षित है तथा सनातन धर्म को स्वीकार कर स्वयं को धन्य मान रहे हैं ।’’ उनका परिवार मूलतः इस्लामाबाद (पाकिस्तान) से है । उनके पूर्वज हिन्दू थे; परंतु मुगलों ने उन्हें मुसलमान बनने को विवश किया । अंग्रेजों के भारत छोडने के उपरांत, देश का विभाजन हुआ । तब परिवार ने भारत में निवास करने का निर्णय लिया तथा संपूर्ण परिवार इस्लामाबाद से भारत में आकर दिल्ली में स्थायी हो गया । उनमें अब अनुमान से १५० सदस्यों सहित ४५ से अधिक परिवार हैं । संसार सिंह के मत अनुसार अनुमान से ४ वर्षों पूर्व सभी ने इस्लाम छोडने तथा सनातन धर्म का स्वीकार करने का निर्णय लिया था; परंतु कुछ लोगों के विरोध के कारण उनके परिजन सनातन धर्म का स्वीकार करने की बात से चिंतित थे । अंत में उनके दादाजी ने ठोस निर्णय लिया कि परिजन अब हिन्दू परंपराओं के अनुसार उपवास, त्योहार एवं विधि का पालन करेंगे । इसीके साथ उनकी मृत्यु के पश्चात ब्रजघाट पर उनका अंतिम संस्कार कर उनका नाम वंश-सूची में पंजीकृत करें, ऐसा संकल्प किया गया । उनकी इच्छा के अनुसार संसार सिंह ने उनके अंतिम संस्कार किए । तदुपरांत पुजारी अंकुर शर्मा द्वारा वंश-सूची में परिजनों के नाम पंजीकृत किए गए ।
सनातन धर्म में घर-वापसी का गौरव अनुभव कर रहा हूं !
संसार सिंह एवं संजु ने कहा ‘प्रतिकूल परिस्थिति के कारण हमारे पूर्वजों को इस्लाम धर्म स्वीकार करने हेतु विवश किया गया था । हमारे परिजन अनेक वर्षों से स्वधर्म अपनाने का सपना देख रहे थे; परंतु वे साहस नहीं दिखा सके । परंतु अब देश के हिन्दुओं का हित सुरक्षित है तथा वे सनातन धर्म का स्वीकार करने में धन्यता मान रहे हैं ।’
संपादकीय भूमिका
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