शरद पवार के हाथों मोहम्मद युनूस को दिया गया ‘पर्सन ऑफ द इयर’ पुरस्कार वापस लें ! – हिन्दू जनजागृति समिति
बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के लिए मोहम्मद युनूस उत्तरदायी !
मुंबई – बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार बदलकर डॉ. मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में सरकार का उदय हुआ; परंतु युनूस के सत्ताकाल में हिन्दुओं पर आक्रमण, हत्या, लुटमार, महिला एवं छोटे बच्चों पर अत्याचार, बलपूर्वक विस्थापन, मंदिरों का विध्वंस आदि में भयानक वृद्धि हुई है । बांग्लादेश में प्रतिदिन मानवता की हत्या की जा रही है । वहां का अल्पसंख्यक हिन्दू समाज, साथ ही अन्य समूह के लिए सुरक्षित वातावरण निर्माण करने में डॉ. मोहम्मद युनूस पूर्णतः असफल सिद्ध हुए है । इस कारण से संपूर्ण भारत में हिन्दू आंदोलन कर तीव्र क्रोध व्यक्त किया हैं । इस प्रकार मानवता की हत्या करनेवाले डॉ. मोहम्मद युनूस को ‘सकाळ (नियतकालिक)’ समूह की ओर से वर्ष २००७ में राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार) दल के प्रमुख एवं तत्कालीन केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार के हाथों से दिया गया ‘पर्सन ऑफ द इयर’ पुरस्कार तत्काल वापस लिया जाए’, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने एक प्रसिद्धि पत्रक के द्वारा की है ।
🚨 Muhammad Yunus is accountable for horrific acts of atrocities against Hindus in Bangladesh!
❌ Withdraw the ‘Person of the Year’ award given to Muhammad Yunus by Sharad Pawar! 🏆🚫
– @HinduJagrutiOrg #HindusUnderAttackInBangladesh #AllEyesOnBangladeshiHindus… pic.twitter.com/33rPMcCy9T— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 16, 2024
प्रसिद्धि पत्रक में कहा गया है कि,
१. धडल्ले से महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार) दल द्वारा अल्पसंख्यकों के हितरक्षा की आग्रह पूर्वक भूमिका प्रस्तुत की जाती है । महाराष्ट्र के अल्पसंख्यकों की भांति ही बांग्लादेश के अल्पसंख्यक अर्थात हिन्दू, बौद्ध, ईसाई आदि समाज के लिए सहानुभूति क्यों नहीं दर्शाई जाती ?
२. क्या बांग्लादेशी हिन्दू समाज को भारत के अल्पसंख्यकों की भांति सम्मान से जीने का अधिकार नहीं है ? बांग्लादेश के हिन्दू, ईसाई, बौद्ध आदि अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं दिन प्रति दिन बढ रही हैं । तब डॉ. मोहम्मद युनुस की चुप बैठने की भूमिका समझ से परे है ।
३. यह भूमिका शांति एवं मानवी अधिकारों के विरुद्ध है । इसलिए उन्हें प्रदान किया हुआ पुरस्कार वापस लेने के संदर्भ में एवं इस अत्याचारों के विषय में राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार दल को भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए ।