Indian Nationals Murdered In Foreign : वर्ष २०२३ में विदेश में ८६ भारतीयों पर आक्रमण हुए और कुछ की हत्या भी हुई !
केंद्र सरकार ने लोकसभा को दी जानकारी
नई देहली – वर्ष २०२३ में विदेश में ८६ भारतीयों पर आक्रमण हुए । इनमें से कुछ लोगों की हत्या भी की गई । ऐसी सर्वाधिक घटनाएं अमेरिका में हुईं, यह जानकारी विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा को बताई । उन्होंने यह जानकारी सांसद संदीप पाठक द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी । राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार वर्ष २०२१ में विदेशों में जिन भारतीयों पर आक्रमण हुए थे, उनकी संख्या २९ थी । इसके बाद वर्ष २०२२ में यह संख्या ५७ पर पहुंच गई । वर्ष २०२३ में अमेरिका में १२ भारतीयों पर आक्रमण हुए अथवा हत्या हुई । कनाडा, ब्रिटेन और सउदी अरब में यह संख्या १०-१० थी ।
🚨 86 Indians Have Been Attacked Or Killed In Abroad in the year 2023 alone. – Minister of State for External Affairs Kirti Vardhan Singh shares shocking insights shares In Parliament.
▫️2,16,219 Indians gave up their citizenship in the previous year.
Hindus aspiring to become… pic.twitter.com/PNFZBEgNiI
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 15, 2024
राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा केंद्र सरकार की कार्यसूची की प्रमुख वरीयताओं में एक है । इस ओर हमारी पैनी दृष्टि रहती है । ऐसी घटनाओं पर संबंधित देश के अधिकारी तुरंत ध्यान देते हैं । इनसे संबंधित बिंदुओं पर संबंधित देशों के सरकारी अधिकारियों की बैठकों में चर्चा भी की जाती है । घटनाओं की उचित जांच पडताल की जाती है और दोषियों को दंड भी मिलता है । यह दावा उन्होंने अपने उत्तर में किया ।
२ लाख १६ हजार २१९ लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी !
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सरकार ने संसद को बताया कि वर्ष २०२३ में २ लाख १६ हजार २१९ भारतीयों ने नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता ग्रहण की । सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष २०२२ में यह संख्या २ लाख २५ हजार ६२० थी ।
संपादकीय भूमिकादेश और विदेश में कितने लोगों पर हिन्दू होने के कारण आक्रमण हुए अथवा हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार हुए, इस्लामी देशों में कितने हिन्दुओं पर अत्याचार हुए, कितने हिन्दुओं को धर्मांतरण करना पड़ा, कितने मंदिरों पर आक्रमण हुए, यह जानकारी भी एकत्र कर संसद को बतानी चाहिए ! |