प्रदेश में विभिन्न निगमों की ३ हजार ५०० अहवाल प्रलंबित, १५ निगम सिर्फ नाम के !
दैनिक ‘सनातन प्रभात’ ने खुलासा किया हुआ निष्क्रीय महामंडळ के बारे में विधान परिषद के उपसभापति डाॅ. नीलम गोऱ्हे से स्वीकृति !
नागपुर, १५ दिसंबर (न्यूज़) – राज्य में ६० से अधिक निगम निष्क्रिय हैं। कई निगम सरकार से अनुदान प्राप्त करते हैं; लेकिन अहवाल वर्षों तक प्रस्तुत नहीं की गई, इसका खुलासा सबसे पहले समाचार दैनिक ‘सनातन प्रभात’ ने किया था। विधान परिषद के उपाध्यक्ष डाॅ. नीलम गोऱ्हे ने दैनिक ‘सनातन प्रभात’ में इस खबर की पुष्टि की है। दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि ने जब पत्रकार परिषद में निगमों की दुर्दशा पर प्रश्न पूछा तो डॉ. नीलम गोऱ्हे ने राज्य के १५ निगमों के नाम बताए है। वे सिर्फ पिछले काम को पूरा करने के लिए दौड़ रहे हैं। विभिन्न निगमों की करीब ३ हजार ५०० अहवाल प्रलंबित हैं, यह चौंकाने वाली जानकारी दी गई।
इस बारे में डाॅ. नीलम गोऱ्हे ने कहा, ‘निगमों को अपने अहवाल प्रस्तुत करने के लिए बार-बार स्मरण करवाना पड़ता है। यदि नाममात्र निगम बंद हो जाते हैं, तो निगमों की सूची कम हो जाएगी। कुछ निगम कठिन स्थिति में हैं। जब उन्हें वर्ष २००८ से माथाडी (सिर पर भार उठाने वाले) श्रमिक निगम के प्रलंबित अहवाल के बारे में बताया गया तो उन्होंने बताया कि अधिकारियों के प्रशासकीय पद रिक्त हैं। कहा कि निगमों में रिक्त पदों को भरना जरूरी है। पत्रकारों ने जब विधीमंडल परिसर में भीड़ के बारे में पूछा तो डाॅ. नीलम गोऱ्हे ने कहा कि प्रत्येक विधायक को उनके निजी सचिव सहित केवल एक व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति है। अगर ५ लोगों को प्रवेशपास चाहिए तो उन्हें ५ विधायकों का पत्र होना आवश्यक है’।