महायुति के १७३ विधायकों ने ली विधायकपद की शपथ !
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मुंबई, ७ दिसंबर (संवाददाता) – महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष तात्कालिक अधिवेशन का ७ दिसंबर को आरंभ हुआ । सभागार में महायुति के १७३ विधायकों ने विधायकपद की शपथ ली; परंतु इलेक्ट्रॉनिक मतदान यंत्र का कारण देकर विरोधियों ने सभात्याग किया । उसके कारण महाविकास अघाडी से चुने गए एक भी विधायक ने विधायकपद की शपथ नहीं ली । मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों द्वारा विधानसभा की सदस्यता का शपथ लेने के उपरांत विरोधियों ने सभात्याग किया । विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष कालिदास कोळंबकर ने सत्तापक्ष के विधायकों को विधायकपद की शपथ दिलाई ।
सवेरे ११ बजे ‘वन्दे मातरम्’ एवं ‘महाराष्ट्र गीत’ के गान के पश्चात इस विशेष अधिवेशन का आरंभ हुआ । इस अवसर पर महायुति के विधायकों ने सदन में ‘जय श्रीराम’, ‘जय भवानी’, ‘जय शिवाजी’के नारे लगाए । सदन का कामकाच आरंभ होने पर अध्यक्ष कालिदास कोळंबकर ने उन्हें अस्थाई अध्यक्षपद पर नियुक्त किए जाने का पत्र पढकर सुनाया । विधानसभा के स्थाई अध्यक्ष का चुनाव ९ दिसंबर को आयोजित किए जाने का राज्यपाल का संदेश भी कालिदास कोळंबकर ने पढकर सुनाया । इसके उपरांत सदन में विधायकों के शपथ समारोह का मुख्य कार्यक्रम आरंभ हुआ । अध्यक्ष कालिदास कोळंबकर द्वारा विधायकों ने नामों के पुकारे जाने पर विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के पास आकर विधायकपद की शपथ ली । भाजपा विधायक चैनसुख संचेती ने पहली शपथ ली, विद्यमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ५ वें स्थान पर, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने क्रमशः ६ ठे तथा ७ वें स्थान पर शपथ ली । देवेंद्र फडणवीस तथा एकनाथ शिंदे को शपथग्रहण होने पर महायुति के विधायकों ने सदन में ‘जय श्रीराम’, ‘जय भवानी, जय शिवाजी’के नारे लगाए ।
भाजपा के ७ विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ !
भाजपा विधायक गिरीश महाजन, सीमा हिरे, प्रशांत ठाकूर, सुधीर गाडगीळ, नीतेश राणे, प्रसाद अडसड तथा राम कदम ने संस्कृत में शपथ ली ।
१५६ लोकप्रतिनिधींनी घेतली ईश्वरसाक्षीने शपथ !
१७३ में से १५६ विधायकों ने ‘ईश्वर को साक्षी’ मान कर शपथ ली । (ईश्वर को साक्षी मानकर, साथ ही राष्ट्र, धर्म, संस्कृत भाषा तथा संस्कृति संजोकर शपथ लेनेवाले सभी विधायकों को अभिनंदन ! – संपादक) १२ विधायकों ने ‘मैं गंभीरतापूर्वक प्रतिज्ञा लेता हूं कि’, ऐसा बोला, जबकि ५ मुसलमान विधायकों ने अल्लाह को साक्षी मानकर शपथ ली । उपमुख्यमंत्री अजित पवार, छगन भुजबळ, धर्मराव अत्राम, नमिता मुंडदा, प्रदीप जायसवाल आदि ने ‘मैं गंभीरतापूर्वक यह प्रतिज्ञा लेता हूं कि’, ऐसा बोलते हुए शपथ ली ।
५ भाषाओं में ली गई शपथ !
१७३ विधायकों के शपथग्रहण में १६० विधायकों ने मराठी भाषा में, ७ विधायकों ने संस्कृत में, २ विधायकों ने हिन्दी में, जबकि एक विधायक ने सिंधी तथा और एक विधायक ने उर्दू भाषा में शपथ ली । समाजवादी दल के अबू आजमी तथा भाजपा के पराग शहा ने हिन्दी भाषा में शपथ ली । भाजपा के कुमार आइलानी ने सिंधी, जबकि समाजवादी दल के मुफ्ती अहमद खालिद ने उर्दू में शपथ ली ।
११४ विधायक आज लेंगे शपथ !
७ दिसंबर को कुल २०० विधायकों का शपथग्रहण होनेवाला था तथा उसके अनुसार उनका क्रम की सुनिश्चित किया गया था; परंतु कुछ विधायक सदन में उपस्थित नहीं थे, जबकि कुछ विधायक सदन में विलंब से पहुंचे । उसके कारण १७३ विधायकों को ही शपथ दिलाई गई । शेष ११४ विधायकों को कल ८ दिसंबर का विधायकपद की शपथ लेनी पडेगी । अस्थाई अध्यक्ष कालिदास कोळंबकर को राज्यपाल ने इससे पूर्व ही शपथ दिलाई है ।
मैं केवल हिन्दू मतों के कारण चुनकर आया हूं ! – विधायक नीतेश राणे, भाजपा
हमारे जैसे छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिक ३६५ दिन तथा २४ घंटे लोगों के लिए उपलब्ध रहते हैं । मेरे चुनावक्षेत्र की जनता के प्रेम के कारण मैं तीसरी बार चुना गया हूं । मेरे चुनावक्षेत्र के हिन्दुओं ने मुझे बडे स्तर पर मतदान किया; परंतु मुझे एक भी मुसलमान का मतदान नहीं हुआ है, ऐसा वक्तव्य भाजपा विधायक नीतेश राणे ने प्रसारमाध्यमों से बात करते हुए दिया ।
क्षणिकाएं
१. पुणे के कसबा विधानसभा चुनावक्षेत्र से पहली बार ही चुने गए विधायक हेमंत रासणे पहली बार ही सदन में आए थे; इसलिए कहां बैठना है, यह उन्हें समझ में नहीं आया । वे विरोिधयों के लिए आरक्षिस आसन पर बैठे थे । तब उपमुख्यमंत्री अजित पवार जब शपथ लेकर आए, तब उन्होंने हेमंत रासने को लेकर महायुति के विधायकों के लिए आरक्षित आसन तक ले गए ।
२. पहली बार ही चुनी गईं अबू आजमी की पुत्री सना मलिक ने मराठी भाषा में शपथ ली ।
३. अनेक विधायकों ने शपथग्रहण के समय ‘जय श्रीराम’के नारे लगाए, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज एवं धर्मवीर संभाजी महाराज का स्मरण किया । शिवसेना के कुछ विधायकों ने शिवसेनाप्रमुख बालासाहब ठाकरे का स्मरण किया ।
४. शिवसेना के वैजापूर चुनावक्षेत्र के विधायक रमेश बोरनारे ने शपथ लेने से पूर्व साधु-संतों तथा जनता जनार्दन को वंदन किया । कुछ विधायकों ने उनके संप्रदाय के इष्ट संतों तथा देवताओं का स्मरण किया ।
५. भाजपा विधायक पराग शहा के पैर में चोट लगने के कारण उन्हें पहिएवाली आसंदी से सदन में लाया गया । अन्य विधायक उन्हें पकडकर व्यासपीठ पर ले गए, तब वे शपथ ले पाए ।
६. राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक सदन में पगडी पहनकर आए थे ।
७. मिरज के भाजपा विधायक डॉ. सुरेश खाडे ने अपने पास ‘भगवद्गीता’ रखकर शपथ ली ।