Kashi And Mathura Disputes : मथुरा तथा काशी प्रकरणों की शीघ्र गति न्यायालय में सुनवाई करें !
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित अधिवेशन में हिन्दू संगठनोंं की मांग
वृंदावन (उत्तर प्रदेश) – मथुरा तथा काशी के मंदिरों के विषय में चल रहे विवाद पर शीघ्र हल ढूंढने हेतु शीघ्र गति न्यायालयों में सुनवाई करने की मांग यहां के अधिवेशन में सम्मिलित हिन्दू राष्ट्रवादी संगठनों ने की है । मथुरा जिले के वृंदावन में बालाजी धाम मंदिर परिसर में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यह अधिवेशन आयोजित किया गया था । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति ने मथुरा एवं काशी के मंदिर विवादों के लिए शीघ्र गति न्यायालय स्थापित करने हेतु ऑनलाइन याचिका प्रविष्ट करने की घोषणा की ।
Mathura and Kashi land encroachment cases should be heard in Fast-Track Courts. – various Hindu organizations raise demand in the convention organized by @HinduJagrutiOrg in Vrindavan, Uttar Pradesh
Establishment of Hindu Rashtra is necessary to preserve India’s cultural… pic.twitter.com/hlRckHzI6r
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 3, 2024
भारत का सांस्कृतिक गौरव संजोने हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का सांस्कृतिक गौरव तथा अक्षुण्णता को संजोने हेतु हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना आवश्यक है । अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर के ब्यौरे का संदर्भ देते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि वर्ष २०५० तक भारत विश्व में सब से अधिक मुसलमान जनसंख्यावाला देश सिद्ध होगेा । सद्गुरु डॉ. पिंगळे ने मणिपुर तथा मिजोराम मे स्वतंत्र ईसाई राष्ट्र निर्माण करने की धमकियों के विषय में चिंता व्यक्त की तथा उल्लेख किया कि वक्फ कानून का अपलाभ लेकर ‘लैंड जिहाद’ चल रहा है । इस अधिवेशन में उत्तरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाना, उत्तराखंड तथा जम्मू के ५४ हिन्दू राष्ट्रवादी गुटों के नेता, अधिवक्ता, विचारक, मंदिर विश्वस्त, संपादक, उद्योगपति तथा सूचना अधिकार कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
हिन्दू संत-महंतों का उद्बोधक मार्गदर्शन
१. पवन चिंतन धारा आश्रम के श्री. पवन सिन्हा ने हलाल प्रमाणपत्रों का नियमन करने के उत्तरप्रदेश सरकार के निर्णय का समर्थन किया ।
२. आचार्य महामंडलेश्वर प्रणवानंद सरस्वती ने बांग्लादेश के हिन्दुओं की दुर्दशा के विषय में चिंता व्यक्त की तथा हिन्दू अल्पसंख्यकों के मानवी अधिकारों की रक्षा करने हेतु पडोसी देश की अंतरिम सरकार पर दबाव डालने की विनती की ।