Hindu Girl Abused In Christian Orphanage : नर्मदापुरम (मध्य प्रदेश) में एक ईसाई अनाथालय में एक हिन्दू युवती का यौन शोषण
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नर्मदापुरम (मध्य प्रदेश) – जिले के इटारसी में संचालित एक ईसाई मिशनरी संस्था में एक युवती का यौन शोषण किया गया। तदुपरांत उसका धर्म परिवर्तन कराने का षड्यंत्र रचा गया । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने आरोप लगाया कि, इस संस्था में एक हिन्दू अवयस्क बालिका के साथ बलात्कार किया गया था; किन्तु संस्था ने इसका आरोप थाने में प्रविष्ट नहीं कराया । कानूनगो ने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि संस्था का यौन शोषण के उपरांत बालिका काे धर्म परिवर्तन के लिए विवश करने का घृणास्पद उद्देश्य था।
दो दिन बाद लड़की के मिल जाने पर ग़ैरक़ानूनी ढंग से लड़की की सुपुर्दगी का बाक़ायदा एक पंचनामा बनाकर लड़की को उसी रेपिस्ट लड़के की बहन को सौंप दिया।
4 दिन बाद वह ईसाई लड़का उस हिंदू बच्ची को वहाँ से अपने घर ले गया और एक सप्ताह तक बंधक बनाकर लगातार उसका बलात्कार किया,पॉक्सो का… pic.twitter.com/1gF3qeSLv3
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) November 29, 2024
१. प्रियांक कानूनगो ने ‘एक्स’ (ट्विटर) पर प्रसारित ‘संदेश ‘ में कहा कि नर्मदापुरम में एक ईसाई मिशनरी संगठन द्वारा संचालित अनाथालय में रहने वाली एक निराश्रित हिन्दू युवती का एक ईसाई युवक ने अपहरण कर लिया।
२. कुछ दिनों उपरांत युवती को बलात्कारी की बहन की देखरेख में रख दिया गया। ४ दिन बाद आरोपी ईसाई लड़का पीडित हिन्दू युवती को वहां से अपने घर ले गया। वहां उसने एक सप्ताह तक उसके साथ दुष्कर्म किया।
Sexual abuse of Hindu girl in a Christian orphanage in Narmadapuram (Madhya Pradesh). The institution has also been accused of plotting to convert the girl. – @KanoongoPriyank Former chairman of the NCPCR
Another example of how Christian institutions have become a haven for… pic.twitter.com/4myt9orq7p
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 2, 2024
३. इस पूरे प्रकरण में जिला प्रशासन, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया। यह मानव तस्करी का प्रकरण है। प्रियांक कानूनगो ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने तुष्टीकरण के कारण ईसाई संगठन को बचाने का प्रयत्न किया । (ईसाई प्रशासन ! – संपादक)
४. पीडित युवती की शिकायत के आधार पर आरोपी के विरुद्ध केस दायर कर लिया गया है। इस आरोपी के विरुद्ध पहले भी बलत्कार का केस दायर किया गया था। (यदि पुलिस उसी समय जांच कर कार्रवाई करती तो बलात्कारी युवक दोबारा ऐसा घृणास्पद दुष्कर्म करने का साहस नहीं करता! – संपादक)
संपादकीय भूमिकाईसाई संस्था के अनैतिकता का अड्डा बनने का एक और उदाहरण। ध्यान दें कि छद्म सेक्यूलर कभी भी ऐसी संस्थाओं के विरुद्ध नहीं बोलते ! |